नई दिल्ली, 12 जनवरी ()। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व अध्यक्ष एरापुंगल अबूबकर के वकील ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 45 के तहत दोहरी शर्तो पर विचार करते हुए जमानत मिलनी चाहिए, क्योंकि इस धारा में कहा गया है कि बीमार/अशक्त व्यक्ति को जमानत मिल सकती है।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की खंडपीठ चिकित्सा आधार पर अबूबकर द्वारा दायर अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अबूबकर का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता आदित्य पुजारी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 में कहा गया है कि सभी को जीवन और सम्मान का अधिकार है।
जवाब में अदालत ने पुजारी को आदेश दिया कि इस विशेष मामले में संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन कैसे किया जा रहा है, इसकी रूपरेखा तैयार करें।
पुजारी ने यह भी कहा कि अदालत के 19 दिसंबर, 2022 के निर्देश के बावजूद अबूबकर के बेटे को उससे मिलने की अनुमति नहीं दी गई, हालांकि अबूबकर समय पर अपनी दवा लेने में असमर्थ है।
उन्होंने दावा किया कि अबूबकर के बेटे को दिसंबर में भी अपने पिता से मिले बिना जेल से वापस भेज दिया गया था।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पार्किं संस के पहलू को कवर नहीं किया गया था और कैंसर के इलाज का एक महत्वपूर्ण घटक स्वस्थ आहार बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि अन्य को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
खंडपीठ ने पुजारी से ऐसे अन्य प्रतिवादियों की पहचान करने के लिए कहा, जिन्हें इसी तरह के मामले में जमानत दी गई थी। खंडपीठ ने कहा, कृपया हमें बताएं। हमें पता होना चाहिए कि आप क्या आग्रह कर रहे हैं, हम आदेश पारित करेंगे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अक्षय मलिक ने कहा कि अबूबकर को जेल सेवादार मुहैया कराया गया है और वह यथासंभव बेहतर देखभाल कर रहा है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा उनके चिकित्सा उपचार पर नियमित अनुवर्ती कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई एक फरवरी को सूचीबद्ध की है।
6 जनवरी को पीठ ने अबूबकर के वकील से सवाल किया था, उनसे यह बताने के लिए कहा था कि जब उनका अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज हो सकता है तो उनके मुवक्किल केरल क्यों जाएंगे।
अदालत ने कहा, आप इलाज चाहते हैं, हम आपको सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका इलाज घर पर नहीं किया जा सकता।
खंडपीठ ने यह भी कहा था कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि जब उनका इलाज चल रहा हो तो उनका बेटा वहीं रहे।
अबूबकर को एनआईए ने 22 सितंबर को गिरफ्तार किया था और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। वह 6 अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में है। वह आइडियल स्टूडेंट्स लीग, जमात-ए-इस्लामी और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) जैसे संगठनों में सक्रिय था।
अबूबकर के अनुसार, वह कई बीमारियों से पीड़ित है, जिसमें एक दुर्लभ प्रकार का अन्नप्रणाली का कैंसर, पार्किं संस, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और दृष्टि की हानि शामिल है।
एसजीके