एफएसएसएआई ने सितंबर से बाजरा के लिए व्यापक समूह मानक तय किया

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 23 फरवरी ()। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने खाद्य सुरक्षा और मानक, दूसरा संशोधन विनियम, 2023 के माध्यम से बाजरा के लिए एक व्यापक समूह मानक तय किया है और इसे 1 सितंबर से लागू किया जाएगा।

इस समय खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियम, 2011 में केवल बाजरा की किस्में जैसे कि ज्वार, साबुत और छिले हुए बाजरे के दाने (बाजरा), रागी और चौलाई के लिए अलग-अलग मानक निर्धारित किए गए हैं।

एफएसएसएआई ने अब 15 प्रकार के बाजरा के लिए एक व्यापक समूह मानक तैयार किया है, जिसमें नमी की मात्रा, यूरिक एसिड की मात्रा, बाहरी पदार्थ, अन्य खाद्य अनाज, दोष, घुन वाले अनाज, और अपरिपक्व और सूखे अनाज के लिए अधिकतम सीमा जैसे 8 गुणवत्ता मानकों को निर्दिष्ट किया गया है, ताकि घरेलू और वैश्विक बाजारों में अच्छी गुणवत्ता (मानकीकृत) बाजरा की उपलब्धता सुनिश्चित हो।

बाजरा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उत्पादन और खपत को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल 2018 में बाजरा को न्यूट्री अनाज के रूप में फिर से ब्रांड किया गया और वर्ष 2018 को बाजरा के राष्ट्रीय वर्ष के रूप में नामित किया गया। बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2021 में अपने 75वें सत्र में 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (कडट 2023) घोषित किया।

यह वैश्विक उत्पादन, कुशल प्रसंस्करण और फसल रोटेशन के बेहतर उपयोग को बढ़ाने और खाद्य टोकरी के प्रमुख घटक के रूप में बाजरा को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा।

अधिकांश बाजरे की फसलें भारत की मूल फसलें हैं और वे मानव शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक अधिकांश पोषक तत्व प्रदान करती हैं। बाजरा कैल्शियम, लोहा, फास्फोरस आदि सहित आहार फाइबर और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times