गजकेसरी राजयोग से 3 राशियों की किस्मत में आएगा बदलाव

गजकेसरी राजयोग कर्क राशि में 2025: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, नक्षत्रों और राशियों का महत्वपूर्ण स्थान है। विशेष रूप से देवगुरू बृहस्पति और चंद्रमा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। बृहस्पति हर 13 महीने में राशि बदलते हैं और कर्क राशि में उच्च और मकर राशि में नीच के होते हैं। चंद्रमा सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह है और हर ढाई दिन में चाल बदलता है, जिससे वह विभिन्न राशियों के साथ मिलकर राजयोग का निर्माण करता है। वर्तमान में ज्ञान, बुद्धि, धर्म, भाग्य और संतान के कारक बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में विराजमान हैं।

सोमवार 10 नवंबर को चंद्रमा कर्क राशि में गोचर करेगा, जिससे कर्क राशि में चंद्र और गुरु की युति से गजकेसरी राजयोग बनेगा, जिसका प्रभाव 12 नवंबर तक रहेगा। ज्योतिष में इसे लाभकारी माना गया है। गजकेसरी राजयोग से 3 राशियों की किस्मत में बदलाव आएगा। कर्क राशि पर प्रभाव: यह राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और समाज में मान-सम्मान बढ़ सकता है। नौकरीपेशा के लिए समय अनुकूल हो सकता है। परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का अवसर मिलेगा। आय में वृद्धि और नए स्त्रोत खुल सकते हैं।

लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान हो सकता है। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। आपके पार्टनर को भी लाभ हो सकता है। कन्या राशि पर प्रभाव: यह राजयोग जातकों के लिए शुभकारी साबित हो सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा और नौकरीपेशा को प्रमोशन और इंक्रीमेंट मिल सकता है। व्यापार में लाभ की संभावनाएं बन सकती हैं। कार्यों में सफलता मिलेगी और परिवार में शुभ आयोजन हो सकते हैं। स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। निवेश से लाभ मिलने की संभावना है।

वृश्चिक राशि पर प्रभाव: गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए वरदान साबित होगा। हर क्षेत्र में अपार सफलता मिल सकती है। भाग्य का साथ मिलेगा और काम-कारोबार में तरक्की हो सकती है। कुछ लोगों को विदेशों में नौकरी का अवसर मिल सकता है। योगा, ज्योतिष आदि विषयों का अध्ययन कर रहे जातकों के लिए समय उत्तम रहेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और जीवन में खुशियां आ सकती हैं। शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। कुंडली में गजकेसरी राजयोग का निर्माण तब होता है जब चंद्रमा, गुरु, बुध और शुक्र में से कोई एक केंद्र में हो।

यदि चंद्र या गुरु में से कोई एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी यह योग बनता है।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal
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