सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट का एक बड़ा नाम रहे हैं। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने कई महत्वपूर्ण मुकाबले जीते और बड़े टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। उन्हें भारत का सबसे घातक बल्लेबाज भी माना जाता था। लेकिन बल्लेबाजी से ज्यादा सुर्खियां सौरव गांगुली ने कप्तानी में बटोरीं। दादा के नाम से मशहूर सौरव गांगुली आज भी अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि शानदार कप्तानी के बीच अचानक सौरव गांगुली को कप्तानी के पद से हटा दिया गया था और फिर एक नए युग की शुरुआत हुई जिसे महेंद्र सिंह धोनी युग कहा गया। चलिए जानते हैं कि सौरव गांगुली की कप्तानी खत्म होने के पीछे क्या कारण था और क्रिकेट की दुनिया में इसे चैपल-गांगुली विवाद (Cricket Controversy) क्यों कहा जाता है। 2007 का वर्ल्ड कप ऐसा वर्ल्ड कप था जब भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी।
क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में 28 साल बाद ऐसा हुआ था जब भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में बाहर हुई थी। इसके बाद भारतीय टीम की कप्तानी में बड़ा बदलाव किया गया। लेकिन इसकी कहानी 2005 से शुरू होती है। दरअसल साल 2005 की बात है जब भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कोच रहे जॉन राइट का कार्यकाल लगभग समाप्त हो चुका था। इसी बीच BCCI ने नए कोच की तलाश शुरू कर दी थी।
इस दौरान कोच बनने की दावेदारी में सबसे मजबूत नाम ग्रेग चैपल का सामने आया और अंत में भारतीय टीम ने उन्हें हेड कोच बना दिया। जब ग्रेग चैपल हेड कोच बने तो सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और कई महत्वपूर्ण मुकाबले जीते। लेकिन भारत के जिम्बाब्वे दौरे ने सब कुछ बदल दिया। दो-तीन महीने बाद ही जिम्बाब्वे दौरे पर ग्रेग चैपल ने सौरव गांगुली की शिकायत कर दी। यह शिकायत BCCI को की गई।
शिकायत में 3000 शब्दों का एक ईमेल BCCI को भेजा गया, जिसके बाद BCCI ने कार्रवाई करते हुए सौरव गांगुली को कप्तानी से हटा दिया और राहुल द्रविड़ को कप्तानी सौंप दी। दोनों अपने-अपने रास्तों पर चलना चाहते थे, लेकिन विचार नहीं मिलते थे जिसके कारण विवाद बढ़ने लगे। एक समय ऐसा आया जब सीनियर प्लेयर्स में भी विवाद की खबरें आने लगीं। भारतीय टीम में उस समय कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था।
टीम 2007 वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई, जबकि टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी, अनिल कुंबले और जहीर खान जैसे बड़े नाम शामिल थे। जब भारतीय टीम 2007 वर्ल्ड कप में बाहर हुई तो फैंस का गुस्सा फूट पड़ा। देश के अलग-अलग हिस्सों में फैंस ने पुतले जलाए। धोनी के रांची वाले घर को भी नहीं छोड़ा गया। लोगों ने धोनी के पोस्टर जलाकर विरोध जताया। लेकिन इसी बीच भारतीय क्रिकेट टीम के अंदर भी सब कुछ ठीक नहीं था।
सौरव गांगुली से छीनी गई कप्तानी अभी भी विवाद का हिस्सा बनी हुई थी। आखिरकार 2007 में सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के कहने पर भारतीय टीम की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी को सौंप दी गई। इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ICC T20 वर्ल्ड कप 2007 में भारत ने ट्रॉफी जीती। लेकिन आज भी चैपल-गांगुली विवाद को लोग नहीं भूले हैं क्योंकि इसी विवाद के बाद भारत में धोनी युग की शुरुआत हुई थी।

