गढ़वाल में ट्रांसपोर्टरों ने चक्का जाम कर मांगी टैक्स राहत

Jaswant singh

गढ़वाल मंडल में बुधवार को परिवहन महासंघ के आह्वान पर ट्रांसपोर्टरों ने एक दिवसीय चक्का जाम किया। इस आंदोलन को देहरादून सहित पूरे पर्वतीय क्षेत्र की यूनियनों का समर्थन मिला। ऋषिकेश, नई टिहरी और आसपास के इलाकों में जीप, टैक्सी, बस और ट्रक संचालक सड़कों से गायब रहे। जगह-जगह वाहनों का संचालन पूरी तरह ठप रहा, जिससे आम जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।

गढ़वाल मंडल में ट्रांसपोर्टरों का चक्का जाम ट्रांसपोर्टरों की मुख्य मांगों में व्यावसायिक वाहनों पर दो साल के टैक्स की छूट, हर वर्ष पाँच प्रतिशत टैक्स वृद्धि नियम समाप्त करने और ऋषिकेश आरटीओ कार्यालय में बंद पड़े फिटनेस सेंटर को शुरू करने की मांग शामिल है। कर्णभूमि टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष मदन मोहन नवानी ने बताया कि हड़ताल में शामिल होने का फैसला चालकों पर छोड़ा गया है, जबकि जय माँ जिलासू चंडीका टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह कंडारी ने इसे पूर्ण समर्थन देने की बात कही।

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा सुस्त रहने से चालकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है, इसलिए टैक्स में राहत जरूरी है। नई टिहरी में हड़ताल का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। सुबह से ही बस अड्डे और टैक्सी स्टैंड खाली रहे, जबकि मुख्य मार्गों पर आवाजाही लगभग बंद रही। किसी भी डग्गामार वाहन को टैक्सी यूनियन से जुड़े लोग आगे बढ़ने नहीं दे रहे थे। कई स्थानों पर स्थानीय लोग गंतव्य तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक साधन खोजते नजर आए। टीजीएमओ अध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने क्या कहा?

हड़ताल का निर्णय टिहरी गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन (टीजीएमओ) के कार्यालय में हुई बैठक में लिया गया था। बैठक में ट्रक, डंपर, ऑटो, विक्रम, ई-रिक्शा और बस यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। टीजीएमओ अध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने बताया कि देहरादून में परिवहन सचिव ने सोमवार को यूनियनों की मांगें मानने का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। गजेंद्र नेगी ने कहा कि पिछले साल ट्रकों की भार क्षमता बढ़ाने को लेकर हुए आंदोलन के बाद भी विभाग ने वादे पूरे नहीं किए।

बैठक में एआरटीओ (प्रशासन) रावत सिंह कटारिया और एआरटीओ (प्रवर्तन) रश्मि पंत भी पहुंचे, जिन्होंने ट्रांसपोर्टरों को मनाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि 10 सूत्रीय मांगों में से 80 प्रतिशत समाधान मुख्यालय स्तर पर संभव है। हालांकि, कोई सहमति नहीं बन सकी। बैठक में दिनेश बहुगुणा, बिजेंद्र कंडारी, संजय शास्त्री, प्यारेलाल जुगरान, हेमंत डंग और कुलदीप बहुगुणा सहित कई प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform