छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस की सतर्कता और सटीक सूचना के आधार पर नक्सलियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम किया गया है। जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर थाना शोभा और थाना पायलीखंड (जुगाड़) क्षेत्र के ग्राम साईबीनकछार, कोदोमाली और भूतबेड़ा के घने जंगलों में तीन अलग-अलग स्थानों पर छिपाए गए विशाल डंप से भारी मात्रा में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने का सामान, चार कुकर, इलेक्ट्रिक वायर, फटाके और राशन सामग्री बरामद की गई। इस अभियान से सुरक्षा बलों पर संभावित हमले की नक्सलियों की योजना को पुलिस ने नाकाम कर दिया।
गरियाबंद में पुलिस की बड़ी कामयाबी जिला पुलिस की ऑपरेशन टीम ई-30 ने रविवार सुबह यह अभियान शुरू किया था। स्थानीय सूचना तंत्र से जानकारी मिली थी कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन की उदंती एरिया कमेटी पुलिस दलों या ग्रामीणों को निशाना बनाने की साजिश रच रही है और इसके लिए जंगलों में विस्फोटक सामग्री छिपाई गई है। सूचना की पुष्टि के बाद एसपी कमल शंकर सिंह के निर्देश पर विशेष टीम बनाई गई, जिसमें बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वायड (BDS) के विशेषज्ञ भी शामिल थे।
सघन तलाशी अभियान के दौरान पुलिस ने तीन संदिग्ध स्थानों पर जमीन के नीचे दबे विस्फोटक डंप का पता लगाया। टीम ने अत्यधिक सावधानी से खुदाई की, जिसके बाद आईईडी निर्माण के लिए पर्याप्त विस्फोटक सामग्री, चार स्टील कुकर, लंबे इलेक्ट्रिक वायर रोल, फटाके, और नक्सलियों के लिए रखे गए राशन – चावल, दालें और अन्य खाद्य सामग्री बरामद की गई। पुलिस ने बरामद सभी वस्तुओं को सुरक्षित रूप से निष्क्रिय कर दिया।
एसपी कमल शंकर सिंह ने बताया कि यह डंप उदंती एरिया कमेटी के सक्रिय नक्सलियों द्वारा तैयार किया गया था, जो सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बना रहे थे। उन्होंने कहा, “बरामद सामग्री से कम से कम दर्जनों आईईडी तैयार हो सकते थे, जो ग्रामीणों और जवानों दोनों के लिए घातक साबित हो सकते थे। लेकिन हमारी टीम ने समय रहते साजिश को नाकाम किया।” पुलिस का मानना है कि यह कार्रवाई न केवल नक्सल हिंसा को रोकने में महत्वपूर्ण रही, बल्कि इससे क्षेत्र के आदिवासी समुदायों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हुई है।
गरियाबंद जिला लंबे समय से नक्सल प्रभावित इलाका रहा है, जहां उदंती-मैनपट का जंगल नक्सल गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। हाल के वर्षों में राज्य में नक्सली घटनाओं में कमी आई है, लेकिन आईईडी आधारित हमले अब भी सबसे बड़ा खतरा बने हुए हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया कि क्षेत्र में आगे भी सर्च अभियान जारी रहेगा ताकि नक्सलियों के किसी भी पुनर्गठन प्रयास को रोका जा सके।

