उदयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर एनआईए कितनी सजग है, इसका उदाहरण यह है कि तीन वर्ष के बाद भी 165 में से मात्र 15 लोगों के बयान हो पाए हैं। यह केस हमारी सरकार के पास होता तो छह से बारह माह में ही फैसला हो जाता। चालान तो पेश हो गया लेकिन अब तक फैसला नहीं आया, ऐसी लापरवाही आज तक नहीं देखी। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने रविवार को सर्किट हाउस में कही।
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते कहा कि हत्या करने वाले दोनों आरोपी उनके कार्यकर्ता थे और मैंने ये सवाल कई बार उठाया था, लेकिन भाजपा ने आज तक इसका कोई खंडन नहीं किया। मुझे उम्मीद थी कि हाल ही दौरे पर आए गृहमंत्री अमित शाह इस मामले में कुछ बोलेंगे लेकिन वे नहीं बोले, जबकि चुनाव में इस मुद्दे को कई बार उठाया था। हमें चुनाव हरवाने के लिए यह उनकी स्ट्रेटजी का एक पार्ट था। इससे पूर्व गहलोत कन्हैयालाल के आवास पर जाकर पूर्व गहलोत उनके परिजनों से मिले।
उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार को 51 लाख रुपए का पैकेज और दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दी गई थी। इसके बावजूद विपक्ष ने इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया। यह झूठा संदेश फैलाया गया कि हिंदू परिवार को केवल 05 लाख जबकि मुस्लिम परिवारों को 50 लाख दिए गए। यही झूठा प्रचार हमारी हार का कारण बना। स्कीम का नाम बदलो काम तो मत बदलो। पूर्व मुख्यमंत्री ने अन्नपूर्णा योजना बंद करने पर कहा कि मैं जहां भी जाता हूं तो लोग पूछते हैं कि साहब थैला गायब हो गया।
उन्होंने कहा कि स्कीम का नाम बदलो, काम तो मत बदलो। हम गरीबों को थैले में राशन भरकर दे रहे थे और प्रधानमंत्री खाली थैला दे रहे हैं। सीएम का थैला भरा और पीएम का खाली। उनको तो डबल देना चाहिए। थैले से मेरी फोटो हटा देते और भजनलाल जी लगा देते, बंद मत करते। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग, ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई ने तो आतंक मचा रखा है। हमारे नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से सवाल पूछा तो वे एफिडेविट मांग रहे हैं। सवाल-जवाब की बजाय उन्हें जांच करवाकर बतानी चाहिए।
इन एजेंसियों का विपक्ष के प्रति व्यवहार बदल गया है।


