लक्ष्मी नारायण राजयोग 2025: ज्योतिष में दैत्यों के गुरु शुक्र और ग्रहों के राजकुमार बुध की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। बुध को संचार, बुद्धि, तर्कशास्त्र, गणित और व्यापार का कारक माना जाता है, और वे मिथुन और कन्या राशि के स्वामी होते हैं। शुक्र को सौंदर्य और सुख का कारक माना जाता है, और वे वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं। मीन राशि को शुक्र की उच्च राशि और कन्या राशि को नीच राशि माना जाता है।
वर्तमान में बुध वृश्चिक राशि में हैं और 23 नवंबर को तुला में प्रवेश करेंगे, जहां पहले से ही शुक्र स्थित है। इस प्रकार तुला राशि में बुध और शुक्र की युति से लक्ष्मी नारायण राजयोग का निर्माण होगा, हालांकि यह अल्प समय के लिए रहेगा क्योंकि 26 नवंबर को शुक्र वृश्चिक राशि में गोचर कर जाएंगे। आइए जानते हैं लक्ष्मी नारायण राजयोग से किन राशियों को लाभ मिलेगा। तुला राशि पर प्रभाव: शुक्र-बुध युति और लक्ष्मी नारायण राजयोग जातकों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है। किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है।
जीवनसाथी के साथ चल रही अनबन समाप्त हो सकती है। साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। लंबे समय से चली आ रही परेशानियां समाप्त हो सकती हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। करियर में नए अवसर मिल सकते हैं। वृषभ राशि पर प्रभाव: लक्ष्मी नारायण राजयोग का बनना जातकों के लिए शुभकारी साबित नहीं होगा। जमीन-जायदाद, रियल स्टेट और प्रॉपर्टी से जुड़े लोगों को अच्छा लाभ हो सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। कर्ज लेने या बैंक से लोन लेने में सफल हो सकते हैं। मान-सम्मान में बढ़ोतरी हो सकती है।
कला और साहित्य के क्षेत्र में लाभ मिल सकता है। अविवाहितों के लिए शादी के प्रस्ताव आ सकते हैं। वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। कन्या राशि पर प्रभाव: लक्ष्मी नारायण राजयोग का बनना जातकों के लिए शुभकारी साबित नहीं होगा। सुख, संपत्ति और पारिवारिक सुख का लाभ मिल सकता है। व्यापार में बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। करियर में तरक्की मिल सकती है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बीत सकता है। लव लाइफ अच्छी रहने वाली है। शेयर मार्केट में निवेश से अच्छा खासा लाभ मिल सकता है।
क्या होता है लक्ष्मी नारायण राजयोग: ज्योतिष शास्त्र में लक्ष्मी नारायण राजयोग का विशेष महत्व बताया गया है, इसे बेहद शुभ माना गया है। जब किसी भी राशि में बुध और शुक्र ग्रह दोनों एक साथ होते हैं, तो लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है। कहा जाता है कि जिसकी कुंडली में यह योग बनता है, उस पर लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है, और वहां धन-धान्य की वर्षा होती है।


