ज्योतिष में दैत्यों के गुरु शुक्र और ग्रहों के राजकुमार बुध की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। बुध को संचार, बुद्धि, तर्कशास्त्र, गणित और व्यापार का कारक माना जाता है, वे मिथुन और कन्या राशि के स्वामी होते हैं। शुक्र को सौंदर्य और सुख का कारक माना जाता है, वे वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं। मीन राशि को शुक्र की उच्च राशि और कन्या राशि को नीच राशि माना जाता है। वर्तमान में शुक्र तुला में विराजमान है।
23 नवंबर को बुध वृश्चिक से निकलकर तुला में प्रवेश करेंगे, जिससे तुला राशि में बुध शुक्र की युति होगी और लक्ष्मी राजयोग बनेगा। हालांकि, यह अल्प समय के लिए रहेगा क्योंकि 26 नवंबर को शुक्र तुला से वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। बुध शुक्र की युति और लक्ष्मी नारायण राजयोग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं हो सकता है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। आय में वृद्धि के साथ नए आय के स्रोत खुलेंगे। किसी पुराने दोस्त से मुलाकात होगी। आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
व्यापार या नौकरी में लाभ के संकेत हैं। छात्रों के लिए समय उत्तम रहेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने की प्रबल संभावना है। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। मकर राशि पर प्रभाव: बुध शुक्र युति और लक्ष्मी नारायण राजयोग का बनना जातकों के लिए शुभकारी साबित होगा। इस दौरान कोई अच्छी खबर मिल सकती है। नया वाहन खरीदा जा सकता है। परिवार और भाग्य का साथ मिलेगा। धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं। नौकरीपेशा को नई जिम्मेदारी मिल सकती है। बिजनेस में भी मुनाफा बढ़ेगा। कारोबार का विस्तार किया जा सकता है।
भूमि से संबंधित कानूनी मामलों में विजय प्राप्त हो सकती है। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। कर्क राशि पर प्रभाव: बुध शुक्र युति और लक्ष्मी नारायण राजयोग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं हो सकता है। आत्मविश्वास में वृद्धि हो सकती है। पार्टनरशिप के काम से लाभ मिल सकता है। इस अवधि में वाहन और प्रॉपर्टी की प्राप्ति हो सकती है। साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। परिवार और किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। कोई नया प्रोजेक्ट या व्यवसाय में लाभ मिलेगा। परिवार में खुशहाली आएगी।
ज्योतिष शास्त्र में लक्ष्मी नारायण राजयोग का विशेष महत्व बताया गया है, इसे बेहद शुभ माना गया है। जब किसी भी राशि में बुध और शुक्र ग्रह दोनों एक साथ होते हैं, तो लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है। कहते हैं जिसकी कुंडली में यह योग बनता है, उस पर लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है, वहां धन-धान्य की वर्षा होती है।


