सरकार विधानसभा सत्र को छोटा रखने की योजना बना रही है: जूली

Tina Chouhan

जयपुर। विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए सदन को कम समय चलाने की मंशा बताई है। जूली ने कहा है कि विधानसभा को लेकर शुरुआत से ही भाजपा सरकार की मंशा अच्छी नहीं रही है। विधानसभा अध्यक्ष चाह रहे कि सत्र लम्बा चले पर सरकार चाह रही है कि कुछ दिन में ही विधानसभा सत्र खत्म हो जाए जिससे जवाबदेही सुनिश्चित न हो सके। विधानसभा में भी कई वाकये ऐसे हुए जो एक पक्षीय रहे।

हमारे वरिष्ठ विधायक नरेन्द्र बुढ़ानिया को विशेषाधिकार समिति का अध्यक्ष बनाया परन्तु अचानक से उन्हें कुछ दिन में ही हटा दिया गया। इतने वरिष्ठ सदस्य के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। विधानसभा में सवालों के जवाब पहले जनता के लिए पोर्टल पर अपलोड होते थे, वो इस बार अपलोड नहीं किए गए। क्या सरकार को कोई डर है? इसी प्रकार जिलों में हमारे प्रधानों, प्रमुखों, चेरयमैनों को चुन-चुनकर हटाया जा रहा है।

सरकार की एक विधायक ने जनता के बीच कहा कि मुख्यमंत्री के गृहजिले में सभी प्रधानों को हटाकर भाजपा के प्रधान बनाए हैं यानी इनका लोकतंत्र में कोई भरोसा नहीं है। यही कारण है कि संवैधानिक बाध्यताओं के बावजूद राज्य में पंचायतीराज एवं नगरीय निकाय के चुनाव भी सरकार नहीं करवा रही और हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ रही है। छात्रसंघ चुनावों के विरोध में भी सरकार ने हाईकोर्ट में एफिडेविट दे दिया यानी ये न तो पंचायत के स्तर पर, न छात्रसंघ के अध्यक्ष पर लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं।

राज्य में स्कूलों की छत गिरने से हादसे हो रहे हैं, लेकिन सरकार वहां विधायकों से विधायक निधि से पैसे देने के लिए कह रहे हैं और जयपुर में 3500 करोड़ रुपये से नया कन्वेशन सेंटर बना रहे हैं, जबकि राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जेईसीसी जैसे बड़े सेंटर पहले से हैं। राजस्थान मंडपम ये सरकार बना ही रही है। किसानों को डीएपी और खाद मिल नहीं रही है। किसान घंटों-घंटों तक लाइन में लगना पड़ रहा है। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

हमारी सरकार के समय मुख्यमंत्री ने मई 2020 में सभी 200 विधायकों और 25 सांसदों की बैठक लेकर उनकी बात सुनी थी। यहां केवल भाजपा विधायकों, सांसदों और जिनको जनता ने नकार दिया उन हारे हुए प्रत्याशियों से बात की जा रही है पर विपक्ष की आवाज को नहीं सुना जा रहा है। ऐसी एकतरफा अप्रोच के कारण आज कांग्रेस पार्टी ने इस बैठक का बहिष्कार किया है।

हम सदन की पहले दिन की बैठक में भाग लेंगे, 2 को हमारे विधायक दल की बैठक है जिसमें हमारे प्रभारी, प्रदेशाध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री समेत सभी वरिष्ठ नेता होंगे और वहां आगे का निर्णय लिया जाएगा।

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