नई दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार पर अग्निवीरों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है, यह कहते हुए कि पहले सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया था। लेकिन अब गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बताया है कि रिटायर अग्निवीरों को देश की शीर्ष दस प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों में रखा जाएगा।
कांग्रेस के पूर्व सैनिक विभाग के प्रमुख कर्नल रोहित चौधरी ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में इस अधिसूचना को अग्निवीरों के साथ धोखा बताया और कहा कि यह योजना देश की सुरक्षा और युवाओं के लिए घातक है, इसलिए इसे समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार हमारे जवानों के साथ सही व्यवहार नहीं कर रही है। यह स्पष्ट रूप से देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले ‘जय जवान अभियान’ चलाया था और अब इसका दूसरा भाग चल रहा है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार कह रहे हैं कि देश को कम प्रशिक्षित सैनिक दिए जा रहे हैं और मोदी सरकार सैनिकों की पेंशन काटकर अपने पूंजीपति मित्रों की तिजोरी भर रही है। कर्नल चौधरी ने कहा कि हम सभी वचनबद्ध हैं कि अग्निवीर योजना देश की सुरक्षा और युवाओं के लिए घातक है, इसे समाप्त किया जाना चाहिए। मोदी सरकार अगर ऑपरेशन सिंदूर में अच्छा काम करने वाले सैनिकों को प्रोत्साहन नहीं दे सकती थी, तो उन्हें धोखा नहीं दिया जाना चाहिए था।
मोदी सरकार ने वादा किया था कि अग्निवीरों को सेवानिवृत्त होने के बाद सरकारी नौकरी देंगे, लेकिन अब गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की है, जिसमें बताया गया है कि रिटायर होने वाले अग्निवीरों को देश की शीर्ष 10 प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों में रखा जाएगा। उन्होंने तंज करते हुए सवाल किया कि मोदी सरकार ने केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी किया है, तो बाकी लौटकर क्या भाजपा दफ्तर या किसी कंपनी के बाहर दरबान की नौकरी करेंगे? क्या अग्निवीर अब अडानी डिफेंस में जाएंगे और वहां एक प्राइवेट आर्मी की तरह काम करेंगे?
सरकार अधिसूचना जारी कर कहती है कि अग्निवीरों को सिक्योरिटी एजेंसियों में शामिल करें। कांग्रेस के पूर्व सैनिक विभाग के प्रमुख ने कहा कि मोदी सरकार से हमारा सवाल है कि जब अग्निवीरों को पेंशन वाली नौकरी और केंद्र, राज्य की नौकरियों में शामिल करने का वादा किया गया था, तो आज उन्हें प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी में क्यों भेजा जा रहा है? आने वाले साल में लौटने वाले अग्निवीरों को पेंशन वाली नौकरी कब और कहां दी जाएगी? हम अग्निवीरों को प्राइवेट आर्मी बनाकर देश-विदेश के युद्ध में नहीं झोंक सकते।
हमारा जय जवान अभियान जारी है और हम सैनिकों के हित में सवाल पूछते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब किसानों के लिए तीन काले कानून लाए गए थे, तब उससे पहले अडानी ने पूरे देश में जमीन खरीद ली थी। इसी तरह अडानी डिफेंस 2015 में आई, जिसके बाद 2020-22 तक सेना में भर्तियां नहीं हुईं। अडानी ने धीरे-धीरे डिफेंस में भी अपना कारोबार बढ़ा लिया। अब इसी कड़ी में अडानी को चार साल के ट्रेंड अग्निवीर सौंपे जाएंगे, जिसे हमें मिलकर रोकना है।


