जेल से शासन चलाना लोकतंत्र के लिए अपमानजनक है: अमित शाह

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि जेल से सरकार चलाना लोकतंत्र के लिए अपमानजनक है। देश में लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि कोई भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री जेल में रहकर शासन न चलाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस प्रावधान को 130वें संविधान संशोधन में शामिल कराया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि सत्ता का कोई भी पद कानून से ऊपर नहीं है।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, अमित शाह ने एक मीडिया संस्थान को दिए साक्षात्कार में विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 130 वें संविधान संशोधन विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री किसी गंभीर आरोप में गिरफ्तार होते हैं और उन्हें 30 दिनों तक जमानत नहीं मिलती है, तो वे स्वत: पदमुक्त हो जाएंगे। यदि बाद में जमानत मिलती है, तो वे पुन: शपथ लेकर पदभार संभाल सकते हैं। इस कानून का उद्देश्य लोकतांत्रिक मर्यादा और शासन की नैतिकता को बनाए रखना है।

गृहमंत्री ने कहा कि संसद में किसी विधेयक या संविधान संशोधन पर असहमति दर्ज कराने का पूरा अधिकार विपक्ष को है, किंतु उसे सदन की कार्यवाही बाधित करने का अधिकार नहीं है।

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