सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में काम की कमी बताई

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र एक से 20 दिसम्बर तक बुलाया गया है लेकिन सत्र देर से बुलाने और इसमें महज 15 बैठकों के आयोजन से स्पष्ट हो जाता है कि सरकार के पास संसद में कराने के लिए कोई काम नहीं बचा है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर शनिवार को एक पोस्ट में कहा कि सरकार ने कहा है कि संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर से 19 दिसंबर तक होगा। इसमें असामान्य रूप से देरी के साथ ही काम के दिनों में कटौती की गई है।

यह सिर्फ 15 कार्य दिवस का होगा। क्या संदेश दिया जा रहा है? उन्होंने कहा कि सरकार की इस घोषणा में स्पष्ट संदेश है कि उसके पास काम नहीं है। शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार की घोषणा पर उन्होंने आगे लिखा कि स्पष्ट रूप से सरकार के पास संसद कार्यवाही के दौरान करने के लिए कोई काम नहीं बचा है। पारित कराने के लिए कोई विधेयक नहीं है और बहस की अनुमति नहीं है। संसद के शीतकालीन सत्र में इस बार 15 बैठकें होनी हैं।

यह सत्र काफी छोटा बताया जा रहा है हालांकि 2023 में भी संसद की शीतकालीन सत्र में 15 ही बैठकें हुई थीं। पिछले साल शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसम्बर तक चला और इसमें 19 बैठकें हुई।

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