जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि राजस्थान को उच्च शिक्षा में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए विश्वविद्यालयों को शैक्षिक उत्कृष्टता की दिशा में निरंतर कार्य करना होगा। उन्होंने कुलगुरुओं से व्यक्तिगत रुचि लेकर विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने, उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने तथा रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रमों से जोड़ने का आह्वान किया। राज्यपाल मंगलवार को राजभवन में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और नई शिक्षा नीति क्रियान्वयन संबंधी समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षण संस्थानों में सुधार नहीं हुआ तो उनके खिलाफ कठोर कदम भी उठाए जाएंगे।
उन्होंने विश्वविद्यालयों में नैक एक्रिडिएशन की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने, लैब, पुस्तकालय, खेल मैदान और छात्रावास जैसी सुविधाओं को मजबूत बनाने पर जोर दिया। साथ ही विश्वविद्यालयों के गोद लिए गांवों को पिपलांत्री मॉडल पर विकसित कर प्राकृतिक खेती, फलदार पौधों और पर्यावरणीय गतिविधियों को बढ़ावा देने की बात कही। राज्यपाल ने शोध कार्यों में मौलिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता जताई और कहा कि निजी एवं राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण अध्ययन और रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को योग्य नागरिक बनाना हम सबका राष्ट्रीय दायित्व है।
बैठक में विश्वविद्यालयों में कुलगुरु के कार्यकाल को तीन से पांच वर्ष करने, प्रो वाइस चांसलर नियुक्त करने और भारत विद्या अनुसंधान केन्द्र स्थापित करने जैसे सुझावों पर चर्चा हुई। अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका ने कॉमन भर्ती बोर्ड, डिजिटल कनेक्टिविटी और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के लिए विशेष प्रयासों पर बल दिया। बैठक के अंत में राज्यपाल ने राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के न्यूजलेटर का लोकार्पण और जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. रोशन लाल रैना की पुस्तक का विमोचन भी किया।