अगस्त में ग्रां प्री बैडमिंटन लीग की होगी शुरुआत

Jaswant singh
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बेंगलुरु, 17 फरवरी ()। ग्रां प्री बैडमिंटन लीग (जीपीबीएल) का दूसरा सीजन इस साल अगस्त में आयोजित किया जाएगा। पहले सीजन में पीवी सिंधु, किदांबी श्रीकांत, अश्विनी पोनप्पा, साई प्रणीत, सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी, एचएस प्रणय, चिराग शेट्टी और ज्वाला गुट्टा सहित कर्नाटक के शीर्ष खिलाड़ियों को देखा गया था। अब दूसरे सीजन में शीर्ष क्रम के भारतीय खिलाड़ियों के साथ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी जोड़ा गया है।

टूर्नामेंट की घोषणा करते हुए लीग आयुक्त प्रशांत रेड्डी ने कहा कि जीपीबीएल सीजन-1 की सफलता ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

पीबीएल के डिफेंडिंग चैंपियन बेंगलुरु रैप्टर्स के सह-मालिक प्रशांत ने कहा, प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) के पिछले तीन वर्षों में आयोजित नहीं होने के मद्देनजर, जीपीबीएल को राष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए उन्नत किया जा रहा है। हम जीपीबीएल के दूसरे सीजन की तैयारी कर रहे हैं। खिलाड़ियों और टीम के मालिकों के आग्रह पर, हम एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में जीपीबीएल के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हम खिलाड़ियों को अपनी आजीविका कमाने में मदद करने के लिए बीएआई के प्रयासों को बढ़ा रहे हैं। जीपीबीएल एक पूरी तरह से अलग प्रारूप का अनुसरण करेगा।

जीपीबीएल का इरादा टीमों की संख्या आठ से बढ़ाकर 10 करने का है और इसमें लगभग 25 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों सहित 150 से अधिक खिलाड़ियों का एक पूल होगा, जो नीलामी के तहत जाएंगे। प्रशांत ने कहा, विचार यह है कि पूरे भारत के खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का मौका दिया जाए। इन खिलाड़ियों को विदेशों में कठिन प्रतियोगिताओं के लिए एक मंच तैयार किया जाए।

कुछ शीर्ष खिलाड़ियों का भी मानना है कि इस तरह की लीग बैडमिंटन खिलाड़ियों के करियर को संवारने में काफी मददगार होती है। भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु ने कहा कि मुझे लगता है कि जीपीबीएल जैसी लीग न केवल खिलाड़ियों को एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच देती है, बल्कि वित्तीय रूप से भी मदद करती है। हमें विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू करने के बाद टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी है।

बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में 43वें स्थान पर रहने वाले मिथुन मंजूनाथ, जीपीबीएल मेरे लिए एक अलग अनुभव था। भले ही यह एक राज्य लीग था, प्रतियोगिता कठिन थी। यह वास्तव में ऐसा लगा जैसे यह एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। पुरस्कार राशि पर्याप्त थी, जो हमें घरेलू आयोजनों में देखने को नहीं मिलता है।

आरजे/

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Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform