जीआरपी की नई पहल, QR कोड से सुरक्षित होंगे ऑटो और बच्चों को मिलेगी शिक्षा

vikram singh Bhati

इंदौर: रेल यात्रियों की सुरक्षा और सामाजिक जागरूकता को बढ़ाने के लिए शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) इंदौर एक साथ दो अनूठी पहल करने जा रही है। 14 नवंबर से ‘हमारी सवारी, भरोसे वाली’ और ‘पटरी की पाठशाला’ नामक अभियान शुरू किए जाएंगे। इनका उद्देश्य तकनीक के इस्तेमाल से यात्रियों को सुरक्षित माहौल देना और समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना है। इन अभियानों का नेतृत्व रेल पुलिस अधीक्षक पद्म विलोचन शुक्ल कर रहे हैं।

वे इससे पहले झाबुआ में आदिवासी समाज के बीच दहेज, दारू और डीजे जैसी कुरीतियों के खिलाफ ‘3D’ नाम से एक सफल अभियान चला चुके हैं। क्यूआर कोड से सुरक्षित होगी ऑटो की सवारी यात्रियों की सुरक्षा, खासकर महिलाओं की चिंता को दूर करने के लिए जीआरपी ‘हमारी सवारी, भरोसे वाली’ अभियान शुरू कर रही है। इसके तहत इंदौर रेलवे स्टेशन परिसर से चलने वाले सभी ऑटो चालकों का सत्यापन कर उन्हें पंजीकृत किया जाएगा। हर सत्यापित ऑटो पर एक विशेष क्यूआर कोड स्टिकर लगाया जाएगा। यात्री सफर करने से पहले इस कोड को अपने मोबाइल से स्कैन कर सकेंगे।

स्कैन करते ही चालक का नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, फोटो और पुलिस वेरिफिकेशन की स्थिति जैसी पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी। इससे यात्री यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि वे एक भरोसेमंद चालक के साथ सफर कर रहे हैं। किसी भी संदिग्ध गतिविधि, शिकायत या सामान छूट जाने की स्थिति में इस क्यूआर कोड से चालक की पहचान तत्काल करना संभव होगा। ‘पटरी की पाठशाला’ सामाजिक सरोकार से जुड़ा है। यह रेलवे स्टेशन और पटरियों के आसपास की बस्तियों में रहने वाले बच्चों और असंगठित श्रमिकों पर केंद्रित है।

इसका मकसद बच्चों को रेल सुरक्षा, महिला सुरक्षा, साइबर जागरूकता, स्वच्छता और नशामुक्ति के प्रति जागरूक करना है। इस पाठशाला में बच्चों को कहानी, पोस्टर और खेल के माध्यम से नैतिक शिक्षा दी जाएगी। उन्हें ‘गुड टच-बैड टच’ जैसी महत्वपूर्ण जानकारी भी दी जाएगी। अभियान के तहत स्टेशन और आसपास भिक्षावृत्ति या अन्य गतिविधियों में लगे लावारिस बच्चों की पहचान कर उन्हें संरक्षण, शिक्षा और पुनर्वास की दिशा में काम किया जाएगा। “हमारा उद्देश्य केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखना नहीं, बल्कि जनसहभागिता और तकनीक के माध्यम से एक सुरक्षित व जागरूक समाज का निर्माण करना है।

‘हमारी सवारी भरोसे वाली’ और ‘पटरी की पाठशाला’ इसी दिशा में ठोस कदम हैं।” — पद्म विलोचन शुक्ल, पुलिस अधीक्षक (रेल) इन अभियानों के दौरान महिला एवं साइबर सुरक्षा सत्र भी आयोजित होंगे, जिसमें हेल्पलाइन नंबर (139, 112, 1930) की जानकारी देने के साथ-साथ आत्मरक्षा पर भी जोर दिया जाएगा। जीआरपी का यह प्रयास स्मार्ट पुलिसिंग और डिजिटल सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal