चंडीगढ़। हरियाणा के आइपीएस अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या के छठे दिन रविवार को न तो उनका पोस्टमॉर्टम हुआ, न ही अंतिम संस्कार। आइपीएस की पत्नी अमनीत पी कुमार को शव की पहचान के लिए बुलाया गया है, ताकि पोस्टमॉर्टम जल्दी कराया जा सके। चंडीगढ़ पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम रविवार को रोहतक पहुंची और आवश्यक दस्तावेजों के लिए हरियाणा सरकार को पत्र भेजा गया है। इस मामले में चंडीगढ़ के सेक्टर 20 स्थित गुरु रविदास गुरुद्वारे में महापंचायत हुई।
महापंचायत ने डीजीपी को हटाने और पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारणिया की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया। यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो प्रदर्शन उग्र किया जाएगा। महापंचायत के बाद लोग हरियाणा के गवर्नर अशीम घोष को ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया। इसके बाद गवर्नर ने अमनीत पी कुमार से मुलाकात की और 22 मिनट तक बातचीत की। दिवंगत की पत्नी की सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक हुई। 7 अक्टूबर को सेक्टर 11 की कोठी में पूरन कुमार ने आत्महत्या की थी।
महापंचायत में पूर्व सांसद राजकुमार सैनी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ब्राह्मण थे। इसके बाद महापंचायत में उपस्थित लोग हंगामा करने लगे। कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि हम पूरन कुमार के परिवार से लगातार संपर्क में हैं।