जयपुर। बारिश के कारण चारदीवारी क्षेत्र में जर्जर इमारतों के गिरने से हुए हादसों के तुरंत बाद नगर निगम जयपुर हेरिटेज की जागरूकता बढ़ जाती है, लेकिन यह जल्दी ही फिर से सो जाती है। इसका परिणाम यह है कि दो बार हुई घटनाओं में तीन लोगों की जान जा चुकी है। निगम हेरिटेज के सुभाष चौक इलाके में गुरुवार सुबह सात बजे झिलाई हाउस में एक जर्जर मकान के गिरने और एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद दो जर्जर मकानों के क्षतिग्रस्त हिस्सों को गिराया गया। इसके साथ ही एक जर्जर भवन को सील कर दिया गया।
किशनपोल जोन के उपायुक्त दिलीप भंभानी ने बताया कि जोन कार्यालय की ओर से जर्जर भवनों के निरीक्षण के लिए बनाई गई कमेटी को जर्जर भवनों की रिपोर्ट सौंपी गई थी। जिनमें शुक्रवार को दो भवनों के जर्जर हिस्से को इंजीनियरिंग विंग की मदद से ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान सतर्कता शाखा की टीम भी मौजूद थी। वहीं, लोहा मंडी नाटाणी के रास्ते में एक अन्य जर्जर भवन के नीचे चल रहे गोदामों को अस्थायी रूप से सील कर गोदाम संचालक को मरम्मत कराने के लिए बाध्य किया गया है।
हवामहल जोन के उपायुक्त सीमा चौधरी ने आमेर इलाके में दो जर्जर भवनों का निरीक्षण किया और खतरे को देखते हुए मकान में रहने वालों को तुरंत मकान खाली कर मरम्मत कराने के निर्देश दिए। इस दौरान जोन उपायुक्त ने भवन मालिक से शपथ पत्र लिया। आयुक्त एवं महापौर ने भी दौरे किए। जिला कलक्टर के निर्देश पर मानसून से पहले सभी जर्जर इमारतों का सर्वे कराने के निर्देश के बाद निगम के अधिकारियों ने खानापूर्ति कर जर्जर इमारतों को नोटिस देकर इतिश्री कर ली थी। हालांकि, इस तरह की घटनाएं न हों इसके लिए निगम हेरिटेज आयुक्त डॉ.
निधि पटेल एवं महापौर कुसुम यादव ने चारदीवारी के विभिन्न इलाकों का दौरा करने के साथ ही अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए थे लेकिन आदेश कागजों में दफन हो गए और तीन लोगों की जान चली गई।