सार्वजनिक मूत्रालयों को स्वच्छ रखने की मांग वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र व आप सरकार से मांगा जवाब

Sabal Singh Bhati

नई दिल्ली, 17 फरवरी ()। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पर्याप्त सार्वजनिक मूत्रालय उपलब्ध कराने और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को अदालत के निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और आप सरकार से जवाब मांगा।

जन सेवा वेलफेयर सोसाइटी की जनहित याचिका को मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ देख रही है।

जनहित याचिका दावा करता है कि सार्वजनिक शौचालयों में अनुचित रखरखाव और अस्वच्छ स्थितियों के परिणामस्वरूप शहर में आम जनता को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

इसमें यह भी कहा गया है कि खराब स्वच्छता के परिणामस्वरूप घृणित वातावरण और संक्रामक बीमारियां होती हैं, जो लोगों के लिए खतरनाक हो सकती हैं और यह अनुच्छेद 21 की जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।

जनहित याचिका में कहा गया है, कहने की जरूरत नहीं है, सार्वजनिक शौचालयों को स्वच्छ बनाए रखने की जिम्मेदारी इलाके के नागरिक अधिकारियों के कंधों पर टिकी हुई है जो राज्य के साधन हैं।

अदालत ने गृह मंत्रालय, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली छावनी बोर्ड, दिल्ली पावर कंपनी लिमिटेड, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन को छह सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए।

कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 23 मई को करेगा।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times