हिमाचल में 50 करोड़ की लागत से नए पुलों का निर्माण होगा

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में 50 करोड़ रुपये की लागत से आठ नए पुलों का निर्माण किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इंजीनियरों को सभी प्रस्तावित स्थलों की सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। इन पुलों में चौपाल की शालू खड्ड, मनाली, उदयपुर (सिस्सू) की चंद्रा नदी, भरवलालई की बैरियां खड्ड पर तीन पुल और सराहन की गिरी नदी पर एक पुल शामिल है।

प्रदेश में हाल की प्राकृतिक आपदा में 17 पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे, जबकि कई क्षतिग्रस्त हैं। विभाग के अनुसार, जो पुल मरम्मत योग्य होंगे, उन्हें इंजीनियरिंग रिपोर्ट के आधार पर रिपेयर किया जाएगा, जबकि बाकी को नए सिरे से बनाया जाएगा। चौपाल की शालू खड्ड पर 5.26 करोड़ रुपये की लागत से पुल बनेगा। मनाली के पीसीएस बॉक्स ब्रिज पर 12.6 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो ब्यास नदी पर बनेगा। लाहौल-स्पीति के सिस्सू में चंद्रा नदी पर 9.71 करोड़ की लागत से 110 मीटर लंबा पुल बनेगा।

वहीं, बैरियां खड्ड पर 6.10 करोड़ रुपये की लागत से तीन पुल और गिरी नदी पर 14.13 करोड़ का नया पुल तैयार किया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि फेज वाइज तरीके से पूरे प्रदेश में क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत और निर्माण का कार्य किया जाएगा। जहां नया पुल बनाना जरूरी होगा, वहां नया निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाहनों की आवाजाही बनाए रखने के लिए अस्थायी तौर पर कई स्थानों पर बैली ब्रिज स्थापित किए गए हैं।

साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि नए पुल ऐसे स्थानों पर बनें जहां बरसात के दौरान पानी का स्तर बढ़ने पर भी संरचनाओं को नुकसान न पहुंचे। दूसरी ओर, प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों के मकानों, दुकानों और पशुशालाओं के नुकसान का सटीक आकलन शुरू कर दिया है। इसके लिए जिलों में कमेटियां गठित की गई हैं। सरकार का कहना है कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को मुआवजे से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा।

इसके लिए नायब तहसीलदार, कानूनगो, पटवारियों और पंचायत सचिवों को प्रभावित इलाकों का दौरा कर वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इस साल के मानसून ने हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान पहुंचाया है। आंकड़ों के अनुसार, 400 से ज्यादा लोगों की जान गई, 462 घायल हुए और 7,447 घर क्षतिग्रस्त हुए। 2,094 मवेशियों की मौत और 6,036 पशुशालाएं ढह गईं। कुल मिलाकर प्रदेश को 4,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

सरकार ने मुआवजा राशि तय की है—पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान के लिए 7 लाख रुपये, आंशिक क्षति के लिए 1 लाख रुपये और दुकानों या ढाबों के नुकसान पर 1 लाख रुपये दिए जाएंगे।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal
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