हिमाचल के सरकारी स्कूलों में प्रवक्ताओं की पदोन्नति पर संकट

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 592 प्रवक्ताओं की पदोन्नति पर संकट गहराने लगा है। शिक्षा निदेशालय ने इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। विभाग ने यह कदम संशोधित वरिष्ठता सूची के आधार पर वास्तविक पात्र शिक्षकों को पदोन्नति देने की प्रक्रिया के तहत उठाया है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2019 से 2025 के बीच टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) से प्रवक्ता (लेक्चरर) पद पर पदोन्नत किए गए इन शिक्षकों की योग्यता अब नए वरिष्ठता क्रम के तहत पुनः जांची जा रही है।

शिक्षा विभाग ने भेजे कारण बताओ नोटिस यह पूरा मामला हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश से जुड़ा हुआ है। दरअसल, पूर्णिमा कुमारी बनाम राज्य सरकार मामले में हाईकोर्ट ने 10 सितंबर 2024 को शिक्षा विभाग को टीजीटी से प्रवक्ता पद की वरिष्ठता सूची संशोधित करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि नया वरिष्ठता क्रम कानूनी प्रावधानों के अनुरूप तैयार किया जाए और यह प्रक्रिया आठ सप्ताह में पूरी होनी चाहिए। इसके बाद प्रदेश में 19 फरवरी 2025 को भर्ती एवं सेवा शर्तें अधिनियम अधिसूचित किया गया, जो 20 फरवरी से प्रभावी हुआ।

इस अधिनियम के अनुसार अब केवल नियमित नियुक्त कर्मचारी ही वरिष्ठता, पदोन्नति और वार्षिक वेतनवृद्धि के पात्र होंगे। इस बीच, शिक्षा विभाग ने फरवरी 2025 में टीजीटी शिक्षकों से प्रवक्ता (स्कूल-न्यू) कैडर में पदोन्नति के लिए विकल्प मांगे थे। पहले इसकी अंतिम तिथि 10 मार्च तय की गई थी, जिसे बाद में 25 मार्च तक बढ़ाया गया। इसके बाद विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक 22 जुलाई को हुई और 21 अगस्त 2025 तक 642 शिक्षकों की पदोन्नति आदेश जारी किए गए।

लेकिन याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने पुराने आदेश की अनदेखी की है और जूनियर शिक्षकों को वरिष्ठों से पहले पदोन्नत कर दिया गया। अदालत ने विभाग को दिया ये निर्देश 22 अगस्त 2025 को हुई सुनवाई में अदालत ने पाया कि राज्य सरकार ने अब तक उसके आदेशों का पूरी तरह पालन नहीं किया है। 14 अक्टूबर 2025 की सुनवाई में महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि संशोधित वरिष्ठता क्रम के आधार पर नई पदोन्नति प्रक्रिया जारी है, लेकिन इससे कुछ जूनियर शिक्षकों की पदोन्नति वापस लेनी पड़ सकती है।

अदालत ने विभाग को 28 अक्टूबर तक प्रक्रिया पूरी कर अनुपालन शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। विभाग ने कोर्ट के निर्देशों के बाद 6 सितंबर 2025 को टीजीटी की अस्थायी वरिष्ठता सूची और 23 सितंबर को अंतिम सूची जारी की। इस नई सूची से करीब 2700 शिक्षकों की वरिष्ठता प्रभावित हुई है। अब 592 शिक्षकों की पदोन्नति वापस लेने की संभावना है, ताकि संशोधित वरिष्ठता के अनुसार पात्र शिक्षकों को पदोन्नति दी जा सके।

विभाग ने इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए चेतावनी दी है कि यदि सात दिन में जवाब नहीं मिला, तो कार्रवाई एकतरफा की जाएगी।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal
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