हिमाचल में तकनीकी शिक्षा में बदलाव, 12,000 से अधिक युवाओं को मिला रोजगार

vikram singh Bhati

हिमाचल प्रदेश तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। रोजगार मेले, संयुक्त प्लेसमेंट ड्राइव और कैंपस भर्तियों के माध्यम से अब तक 12,378 युवाओं को रोजगार मिल चुका है। 14,421 से अधिक छात्रों और 1,203 संकाय सदस्यों ने “मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज” और “स्टडी वेब ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स” जैसे प्लेटफॉर्म से डिजिटल लर्निंग प्राप्त की है।

सरकार का उद्देश्य केवल डिग्री प्रदान करना नहीं, बल्कि रोजगार सृजन और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देना है। तकनीकी-व्यावसायिक शिक्षा का केंद्र बनकर उभरा है हिमाचल, और वर्तमान सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों का प्रभाव अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। परंपरागत शिक्षा प्रणाली से आगे बढ़ते हुए अब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। प्रदेश में कुल 348 तकनीकी और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कार्यरत हैं, जिनमें इंजीनियरिंग, फार्मेसी कॉलेज, पॉलिटेक्निक और आईटीआई शामिल हैं।

सुलह में सरकारी फार्मेसी कॉलेज और जंडौर में सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज की स्थापना से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को और मजबूती मिली है। नए पाठ्यक्रम जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और मेक्ट्रोनिक्स के साथ 19 आधुनिक ट्रेड शुरू किए गए हैं। राज्य सरकार तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मानकों को अपनाने में अग्रणी है। सुंदरनगर स्थित जेएलएन राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के चार स्नातक कार्यक्रमों को राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड से मान्यता प्राप्त हो चुकी है।

इसके अलावा, 11 सरकारी आईटीआई में ड्रोन सेवा तकनीशियन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जिनमें अब तक 128 प्रशिक्षु प्रमाणित हो चुके हैं। औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने के लिए 170 से अधिक उद्योगों के साथ समझौते किए गए हैं, जिससे इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के अवसर बढ़े हैं। हिमाचल में क्रांतिकारी बदलाव राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के आधुनिकीकरण पर भी तेजी से काम चल रहा है।

एडीबी द्वारा वित्त पोषित “हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना” के तहत 80.98 करोड़ रुपये की लागत से 50 आईटीआई, एक पॉलिटेक्निक और एक इंजीनियरिंग कॉलेज की मशीनरी और उपकरणों को उन्नत किया गया है। इसमें लगभग 5,880 छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ हुआ है। इन संस्थानों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम, कंप्यूटर, इनवर्टर, ऑन-ग्रिड सोलर संयंत्र और सौर स्ट्रीट लाइट जैसी स्मार्ट सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। केंद्रीय योजनाओं के तहत 36 आईटीआई को 1.20 करोड़ रुपये की लागत से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम, 89 लाख रुपये की लागत से 10 आईटीआई की कंप्यूटर लैब को आधुनिक बनाया गया है।

साथ ही 37 आईटीआई में 1.66 करोड़ रुपये की लागत से 10 केवीए इनवर्टर और 16 संस्थानों में 11.79 करोड़ रुपये की लागत से सौर लाइटें लगाई गई हैं। हिमाचल में तकनीकी शिक्षा अब केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह कौशल निर्माण, रोजगार सृजन और नवाचार का केंद्र बन चुकी है। सरकार के ये कदम प्रदेश को तकनीकी शिक्षा में आदर्श राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal