घी की असली और नकली पहचान के तरीके

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

घी की पहचान के लिए सबसे पहले जमे हुए घी की थोड़ी सी मात्रा अपनी हथेली पर रखें। शुद्ध घी शरीर की गर्मी के संपर्क में आते ही तुरंत पिघलने लगेगा, जबकि मिलावटी या वनस्पति घी को पिघलने में समय लगेगा। इसके लिए एक चम्मच घी को किसी बर्तन या कड़ाही में गरम करें। शुद्ध घी तुरंत पिघल जाता है और पिघलने के बाद हल्का भूरा या सुनहरा हो जाता है, साथ ही उसमें से धीमी, सुगंधित खुशबू आती है और वह आसानी से जलता नहीं है।

दूसरी ओर, मिलावटी घी को पिघलने में अधिक समय लग सकता है, वह जल्दी धुआं छोड़ने लगता है, उसका रंग पीला रह सकता है, और जलने पर उसमें से एक तेज या अलग गंध आ सकती है। इसके लिए एक गिलास गर्म पानी लें और उसमें एक चम्मच घी डालकर मिलाएं। शुद्ध घी पानी की सतह पर तैरने लगेगा, जबकि यदि घी में मिलावट होगी, तो वह पूरी तरह घुल जाएगा या गिलास के तल में बैठ जाएगा।

घी की शुद्धता की पहचान करने के लिए एक छोटे बाउल में पिघला हुआ घी डालकर फ्रिज में ठंडा होने के लिए रखें। शुद्ध घी पूरी तरह से एकसमान और दानेदार तरीके से जम जाएगा, जबकि मिलावटी घी जमने के बाद दो अलग-अलग परतों में बँट सकता है या उसकी बनावट असमान हो सकती है। आयोडीन टेस्ट के जरिए भी घी की शुद्धता की पहचान की जा सकती है। इसके लिए थोड़ा सा पिघला हुआ घी लें और उसमें आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदें डालें।

शुद्ध घी के रंग में कोई बदलाव नहीं आएगा, जबकि यदि घी में स्टार्च मिला है, तो इसका रंग नीला या बैंगनी हो जाएगा।

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