भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिश

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

तियांजिन/नई दिल्ली। भारत और चीन ने बदलती वैश्विक परिस्थितियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने पर सहमति व्यक्त की है। दोनों देशों ने अपने लोगों और विकासशील देशों के हितों की रक्षा करने की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता जताई है। मोदी ने रविवार सुबह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। यह उनकी चीन की पहली यात्रा है और पिछले एक वर्ष में दोनों नेताओं की यह दूसरी मुलाकात है।

इसे गलवान घाटी में हुए सैन्य संघर्ष के बाद से संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है। मोदी ने कहा कि भारत चीन के साथ संबंधों को परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष कजान में वार्ता के बाद से दोनों देशों के संबंधों को सकारात्मक दिशा मिली है। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों से 2.8 अरब लोगों के हित जुड़े हैं। सीमा प्रबंधन के बारे में विशेष प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ान सेवा फिर से शुरू की जा रही है। शी ने कहा कि भारत और चीन को सौहार्दपूर्ण संबंधों की नींव पर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे की सफलता का साझीदार बनकर ड्रैगन और हाथी को साथ लाने के कदम उठाने चाहिए। चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों को अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एससीओ की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।

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