भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू, जानें इसका महत्व

भारत और चीन के बीच रविवार को पांच साल बाद सीधी उड़ानें फिर से शुरू हो गईं, जो एशिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पहली उड़ान भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो द्वारा कोलकाता से ग्वांगझो के लिए रात 10:00 बजे शुरू हुई। यह उड़ान कोविड-19 महामारी और 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक सीमा झड़प के कारण रुकी हुई थी। उड़ानों का यह पुनरारंभ दोनों देशों के बीच धीरे-धीरे बेहतर हो रहे संबंधों का संकेत है।

भारत और चीन क्षेत्रीय प्रभाव के लिए रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन 2020 की गलवान झड़प के बाद से संबंधों में धीमी गति से सुधार देखा जा रहा है। नवंबर से नई दिल्ली से शंघाई और ग्वांगझो के लिए अतिरिक्त उड़ानें शुरू होने वाली हैं, जो द्विपक्षीय आदान-प्रदान को सामान्य करने की दिशा में एक और कदम है। जन-जन के बीच संपर्क को बढ़ावा भारत सरकार ने कहा कि उड़ानों का पुनरारंभ जन-जन के बीच संपर्क को बढ़ावा देगा और द्विपक्षीय आदान-प्रदान को सामान्य करने में मदद करेगा।

कोलकाता, जो ब्रिटिश काल से ही चीन के साथ ऐतिहासिक व्यापारिक संबंध रखता है, में इस कदम का स्वागत किया गया है। स्थानीय व्यापारी और निवासी इसे पर्यटन, व्यापार और पारिवारिक मुलाकातों के लिए लाभकारी मान रहे हैं। इस महीने दीवाली के अवसर पर दोनों देशों के सैनिकों ने विवादित सीमा पर मिठाइयां साझा कीं, जो सद्भावना का एक छोटा लेकिन प्रतीकात्मक कदम था। दोनों देशों के बीच व्यापार भी बढ़ रहा है। भारत के वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, सितंबर 2023 की तुलना में पिछले महीने भारत का चीन से आयात 16% बढ़कर 11 अरब डॉलर से अधिक हो गया।

वहीं, भारत से चीन को निर्यात 1.47 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34% अधिक है। कोलकाता में भारतीय वाणिज्य मंडल के प्रमुख राजीव सिंह ने कहा कि सीधी उड़ानें लॉजिस्टिक्स और यात्रा समय को कम करेंगी, जिससे व्यवसायों को लाभ होगा।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal
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