भारत ने फ्रेजाइल फाइव से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उपलब्धि हासिल की

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

भुवनेश्वर। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने शुक्रवार को यहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण समितियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत फ्रेजाइल फाइव (2013) से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (2025) बना है। सम्मेलन को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओरांव, ओडिशा मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संबोधित किया। हरिवंश ने कहा कि संसद और इसकी समितियां संविधान की प्रस्तावना में निहित सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को साकार करने का सशक्त मंच हैं।

संसद की अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण समिति 1968 में गठित हुई, जो राष्ट्रीय आयोगों की रिपोर्टों का अध्ययन और सरकार के कदमों की जांच करती है। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता को राजनीतिक बदलाव के साथ-साथ सामाजिक जागरण बताया और समाज सुधारकों की लंबी परंपरा का जिक्र किया, जिन्होंने रूढ़िवाद को दूर कर सामाजिक चिंतन को स्वस्थ किया। देश की आर्थिक प्रगति पर हरिवंश ने कहा कि भारत फ्रेजाइल फाइव (2013) से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (2025) बना है।

विश्व बैंक के अनुसार, अति गरीबी 2011-12 के 16% से घटकर 2022-23 में 2.3% रह गई, जबकि बहुआयामी गरीबी 54% से 15% पर आई। उन्होंने कहा, जनता को समृद्धि बांटने के लिए देश का संपन्न और शक्तिशाली होना जरूरी है। थोथे नारों से सिर्फ गरीबी ही बांटी जा सकती है। समृद्धि से ही समान अवसर बनते हैं, विपन्नता में नहीं। स्वतंत्रता आंदोलन की तरह जातिवाद खत्म करने के लिए हर स्तर पर अभियान चलाना होगा। आरक्षण को जरूरी बताते हुए देश में समतापूर्ण समाज के निर्माण के लिए लोगों को भी अपनी मानसिकता बदलनी होगी।

इसके लिए लोक जागरूकता अभियान चलाना होगा। वक्तव्य की शुरुआत में उन्होंने 1939 के आमको-सिमको आंदोलन (ओडिशा) के शहीदों को नमन किया, जिसे ओडिशा का जालियावाला बाग कहा जाता है। ओडिशा की सराहना करते हुए कहा कि यहां से जनजातीय समाज की श्रीमती द्रोपदी मुर्मू देश की पहली राष्ट्रपति बनीं, जो सादगी और संघर्ष का प्रतीक हैं। ओडिशा को जनजातीय बहुल राज्यों के समावेशी विकास का आदर्श मॉडल बताया।

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