भारत और फ्रांस के विमानों का गरुड़ अभ्यास शुरू

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। भारत और फ्रांस की वायु सेनाओं के बीच द्विपक्षीय हवाई अभ्यास ‘गरुड़’ की शुरूआत हो गई है। भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 और फ्रांसीसी वायु एवं अंतरिक्ष सेना के राफेल विमानों ने द्विपक्षीय हवाई अभ्यास के तहत समन्वित मिशनों की शुरूआत करते हुए उड़ान भरी। फ्रांस में 27 नवंबर तक चलने वाला यह अभ्यास दोनों वायु सेनाओं के बीच अंतर-संचालन और गहन रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा। अभ्यास गरुड़ में हिस्सा लेने के लिए भारतीय वायु सेना का एक दल फ्रांस गया है, जो 13 नवंबर को मोंट-डी-मार्सन एयर बेस पर उतरा है।

इस अभ्यास में भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एमकेआई विमान और फ्रांसीसी वायु सेना के राफेल लड़ाकू विमान एक कृत्रिम युद्ध वातावरण में भाग लेंगे, जिसमें दोनों वायु सेनाओं के कौशल और व्यावसायिकता का प्रदर्शन होगा। यह अभ्यास अंतर-संचालन क्षमता को और बढ़ाएगा, सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और दोनों वायु सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा। हर दो साल में होने वाले हवाई अभ्यास ‘गरुड़’ का पिछला संस्करण पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर राजस्थान के जोधपुर में हुआ था, जिसमें भारत और फ्रांस के वायु सेना प्रमुखों ने अलग-अलग लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी थी।

वायु सेना स्टेशन जोधपुर से तत्कालीन एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने फाइटर जेट राफेल और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) के तत्कालीन प्रमुख जनरल स्टीफन मिल ने सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट उड़ाकर संयुक्त प्रशिक्षण मिशन के हिस्से के रूप में अभ्यास में भाग लिया था। भारतीय वायु सेना और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल (एफएएसएफ) के बीच द्विपक्षीय हवाई अभ्यास ‘गरुड़’ 16 नवंबर को शुरू हुआ है, जो 27 नवंबर तक चलेगा।

इस अभ्यास में फ्रांसीसी वायु सेना अपने चार राफेल लड़ाकू विमान, एक ए-330 मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट विमान और 220 कर्मियों की एक टुकड़ी के साथ भाग ले रही है। यह द्विपक्षीय अभ्यास का आठवां संस्करण है। पहला, तीसरा और पांचवां संस्करण भारतीय वायु सेना के स्टेशनों में क्रमश: 2003, 2006 और 2014 में ग्वालियर, कलाईकुंडा और जोधपुर में आयोजित किया गया था। दूसरा, चौथा और छठा संस्करण फ्रांस में 2005, 2010 और 2019 में हुआ था।

यह अभ्यास एयर डिफेंस और जमीनी हमले के अभियानों में फ्रांसीसी और भारतीय चालक दल के अंतर-स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

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