चीनी पीएलए एलएसी के पास सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा, भारत पर्याप्त बल बनाए हुए है: सेना प्रमुख

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 12 जनवरी ()। चीनी पीएलए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के लद्दाख सेक्टर के पास अपने क्षेत्र में सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। भारतीय सेना के पास यह महत्वपूर्ण जानकारी है और वह घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रही है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि एलएसी के लद्दाख सेक्टर में विरोधी सैनिकों की तैनाती में बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने कहा कि भारत ने एलएसी पर पर्याप्त बल तैनात किया है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। जनरल पांडे ने कहा कि उत्तरी सीमा पर स्थिति स्थिर लेकिन अप्रत्याशित बनी हुई है। उन्होंने कहा कि आज भारतीय सशस्त्र बलों के सामने मुख्य चुनौतियों में से एक उत्तरी सीमाओं पर स्थिति है। हमारी पूर्वी कमान के विपरीत सैनिकों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है। हम कड़ी नजर रख रहे हैं।

सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए सक्षम, शक्तिशाली और तैयार है। सेना हमारे हिस्से में अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ एक विशाल सड़क नेटवर्क बना रही है। साथ ही भारत-चीन सीमा के पास भारत इंफ्रास्ट्रक्च र बढ़ा रहा है। सीमा को जोड़ने वाली ये सड़कें सभी वेदर सड़कें होंगी। जनरल पांडे ने कहा कि सीमा पर कम से कम समय में पहुंचने के लिए सुरंग और पुल भी बनाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि भारत और चीन मुद्दों को सुलझाने के लिए सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। सात में से पांच मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया है। आर्मी चीफ ने कहा कि पिछले 3 साल के दौरान लद्दाख में इंफ्रास्ट्रक्च र और हैबिटेट की जरूरतों पर करीब 1300 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम समझौता फरवरी 2021 में हुआ था और यह ठीक चल रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि सीमापार आतंकवाद जारी है, इसलिए हम सतर्क हैं। भारत पर रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह युद्ध भारत के लिए एक सबक है। उन्होंने कहा, हमने परिचालन, रणनीतिक और सामरिक स्तरों पर हमारे लिए क्या सबक हैं, इसका विश्लेषण किया। हमें इन सबकों को प्रासंगिक बनाना होगा। हमने उन्हें बड़े हथियार प्लेटफार्मों, साइबर स्पेस के संदर्भ में शामिल किया है। सेना इसे एक अवसर के रूप में भी देख रही है।

जनरल पांडे ने कहा कि वह स्पेयर पार्ट्स सहित कई चीजों के लिए स्वदेशी समाधान तलाश रहे हैं।

केसी/एएनएम

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times