बेंगलुरू, 27 जून ()। कर्नाटक में भाजपा सरकार कन्नड़ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रोहित चक्रतीर्थ की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा पाठ्यपुस्तकों के संशोधन के संबंध में विभिन्न हलकों की आलोचना के आगे झुक गई है।
शिक्षा विभाग ने प्रगतिशील विचारकों और विपक्षी दलों की मांगों के अनुरूप पाठ्यपुस्तकों में सुधार के आदेश दिए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखकर संशोधित पाठ्यक्रम को हटाने की मांग की थी।
राज्य की तीन प्रमुख जातियों – लिंगायत, वोक्कालिगा और कुरुबा के धार्मिक संतों ने समाज सुधारकों बसवन्ना और कनकदास के साथ हुए दुर्व्यवहार को उजागर करने वाले संशोधित शिक्षा पाठ्यक्रम पर आपत्ति जताई है।
वोक्कालिगा संतों ने राष्ट्रकवि (राष्ट्रीय कवि) कुवेम्पु, जिन्हें समुदाय द्वारा गर्व से सम्मानित किया जाता है, और बेंगलुरु के वास्तुकार, नादप्रभु केम्पेगौड़ा के अपमान पर आपत्ति जताई है।
प्रगतिशील विचारकों और साहित्यकारों ने समाज सुधारक नारायण गुरु और स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पाठयक्रम को हटाने पर आपत्ति जताई है। लेखकों ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर उनके काम को प्रकाशित करने की अनुमति वापस ले ली है।
सत्ताधारी भाजपा ने आखिरकार स्कूली पाठ्यपुस्तकों में सुधार का आदेश दिया।
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