देश की सीमा पर स्थिति एक बार फिर गर्म है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत ने अपनी तीनों सेनाओं थल, वायु और नौसेना की संयुक्त ताकत दिखाने की तैयारी कर ली है। 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में “एक्स त्रिशूल” नाम का विशाल युद्धाभ्यास होने जा रहा है। इसके लिए भारत ने Notice to Airmen (NOTAM) जारी कर दिया है। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने भी अपने हवाई क्षेत्र में NOTAM जारी कर दिया, जिससे यह स्पष्ट है कि भारत की सैन्य हलचल ने पड़ोसी देश को बेचैन कर दिया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान को आशंका है कि भारत किसी आकस्मिक जवाबी कार्रवाई के लिए भी तैयार है। सुरक्षा के नाम पर पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र में प्रतिबंध लगाए हैं। इस अभ्यास में सैटेलाइट सर्विलांस, साइबर ऑपरेशन और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर जैसे मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस शामिल होंगे। सुरक्षा कारणों से जैसलमेर और आसपास के हवाई क्षेत्र में नागरिक उड़ानों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभ्यास अब तक के सबसे बड़े सैन्य अभ्यासों में से एक होगा।
इसमें करीब 30 हजार सैनिक, दर्जनों ड्रोन, मिसाइल सिस्टम और अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपकरण शामिल किए जाएंगे। इस अभ्यास का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को मजबूत करना है। यह अभ्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “JAI विजन” यानी Jointness (संयुक्तता), Atmanirbharta (आत्मनिर्भरता) और Innovation (नवाचार) की भावना को जमीन पर उतारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे हैं। उनका कहना है कि भविष्य का युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि एकजुट सोच और तेज कार्रवाई से जीता जाएगा।
यही एक्स त्रिशूल का मकसद है। इसका दायरा सर क्रीक और सौराष्ट्र के तटीय इलाकों से लेकर राजस्थान के रेगिस्तानी हिस्सों तक फैला होगा। इस दौरान सेना आक्रामक जमीनी ऑपरेशनों और रेगिस्तानी युद्ध की रणनीतियों का अभ्यास करेगी। वहीं, नौसेना सौराष्ट्र तट पर उभयचर अभियानों का प्रदर्शन करेगी, जबकि वायुसेना 28,000 फीट की ऊंचाई तक एयरस्पेस रिजर्व करते हुए मिसाइल और ड्रोन ऑपरेशनों की परख करेगी। भारत के NOTAM जारी करने के बाद पाकिस्तान ने अपने मध्य और दक्षिणी हवाई क्षेत्र में हवाई मार्गों को बंद कर दिया है।
जियो-इंटेलिजेंस एक्सपर्ट डेमियन साइमन के अनुसार, पाकिस्तान का यह कदम भारत की तैयारी से उठे डर का संकेत है। मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए थे, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे। इस अभियान के बाद रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि अब किसी भी सीमा पार हरकत का जवाब सटीक कार्रवाई से दिया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में जैसलमेर में सैनिकों से कहा था कि भारत अब सिर्फ जवाब नहीं देगा, बल्कि पहले से तैयार भी रहेगा।
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि यह अभ्यास पूरी तरह रूटीन और प्रिवेंटिव प्रकृति का है। स्थानीय प्रशासन और नागरिक सुरक्षा एजेंसियां लगातार निगरानी में रहेंगी, ताकि किसी तरह की असुविधा या दुर्घटना से बचा जा सके। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि अभ्यास के दौरान अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।

