नई दिल्ली। भारत और यूनाइटेड किंग्डम (यूके) ने पश्चिमी हिंद महासागर में एक बहुत बड़ा संयुक्त समुद्री अभ्यास शुरू किया है। इस अभ्यास का नाम कोंकण है। यह अभ्यास रविवार को शुरू हुआ है। इसमें यूके का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप शामिल है। इस ग्रुप का नेतृत्व एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स विमानवाहक पोत कर रहा है। भारतीय नौसेना का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप भी इसमें हिस्सा ले रहा है। भारतीय ग्रुप का नेतृत्व आईएनएस विक्रांत कर रहा है। यह इतिहास में पहली बार हुआ है कि ब्रिटिश और भारतीय कैरियर स्ट्राइक ग्रुप एक साथ समुद्री अभ्यास कर रहे हैं।
इस अभ्यास का मुख्य लक्ष्य दोनों देशों की नौसेनाओं की समुद्री और हवाई क्षमताओं को बढ़ाना है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भी बहुत जरूरी है। साथ ही, यह भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग की नींव भी रखेगा। यह अभ्यास कुल चार दिनों तक चलेगा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास: इसमें दोनों देशों की पनडुब्बियां और कई तरह के विमान भी शामिल होंगे। इस अभ्यास का मुख्य लक्ष्य दोनों नौसेनाओं की संयुक्त समुद्री और हवाई क्षमताओं को बढ़ाना है। ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरन ने इस बारे में अपनी बात रखी।
उन्होंने बताया कि भारत और यूके दोनों ही एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास रखते हैं। इसका मतलब है कि वे चाहते हैं कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सभी देश बिना किसी डर के व्यापार कर सकें और अपने समुद्री मार्गों का उपयोग कर सकें। उनका एक बड़ा लक्ष्य एक आधुनिक रक्षा और सुरक्षा साझेदारी बनाना है। यह साझेदारी यूके-भारत विजन 2035 का एक बहुत जरूरी हिस्सा है। इस विजन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारर ने इस साल की शुरुआत में सहमति जताई थी।


