मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बोहानी गाँव के निवासी इंस्पेक्टर आशीष शर्मा आज एक नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए। वे मध्य प्रदेश की स्पेशल नक्सल-विरोधी हॉक फोर्स का हिस्सा थे, जो आज सुबह मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र की सीमा पर नक्सलियों से मुठभेड़ में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आशीष शर्मा की शहादत पर दुःख व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। आशीष शर्मा एक वीर पुलिस अधिकारी थे, जिन्हें दो वीरता पदक मिले थे और उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी मिला था।
उन्होंने फरवरी 2025 में बालाघाट जिले के रौंदा जंगलों में एक बड़ी मुठभेड़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें उन्होंने तीन महिला अपराधियों को मार गिराया था। छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव के जंगलों में हुई मुठभेड़ के दौरान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस का संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान चल रहा था। दोनों राज्यों की संयुक्त पार्टी तलाशी अभियान पर निकली थी, तभी नक्सलियों ने घात लगाकर फोर्स पर हमला कर दिया। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें कई घंटे तक गोलीबारी होती रही। इस दौरान कई गोलियां इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के शरीर में धंस गईं और वे शहीद हो गए।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने X पर लिखा, “आज एमपी हॉक फोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए। मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं।” उन्होंने कहा कि आशीष शर्मा ने कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस और असाधारण बहादुरी प्रदर्शित की। उनका सर्वोच्च बलिदान नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान में सदैव अविस्मरणीय रहेगा।


