जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म मामले में अदालती आदेश के बावजूद आरोपी की कॉल डिटेल अदालत में पेश नहीं करने पर अलवर के राजगढ़ थाने के जांच अधिकारी को जेल भेजने की चेतावनी दी। आईओ के माफी मांगने पर अदालत ने प्रकरण की सुनवाई एक दिन के लिए टाल दी। जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश शंकर लाल की जमानत याचिका पर दिए। अदालत ने आईओ से पूछा कि गत 12 अगस्त के आदेश की पालना में आरोपी के फोन की कॉल डिटेल का रिकॉर्ड पेश क्यों नहीं किया।
आईओ ने कहा कि वह रिकॉर्ड नहीं लाए हैं। अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कहीं वह आरोपी को बचाने के लिए तो ऐसा नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही अदालत ने जांच अधिकारी को जेल भेजने की चेतावनी देते हुए कहा कि 26 अगस्त को रिकॉर्ड पेश किया जाए, वरना कोर्ट अपने स्तर पर आदेश देगी। पीड़िता के वकील बाबूलाल बैरवा ने बताया कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। वहीं बाद में उसका विवाह तय होने पर उसके मंगेतर को भी फोन कर जान से मारने की धमकी दी।
जिसके चलते शादी के कुछ दिन पहले ही मंगेतर ने विवाह करने से इनकार कर दिया। वहीं सामाजिक रिवाजों के चलते आनन फानन में दूसरे लड़के से पीड़िता का विवाह कराया गया।