आज के दौर में डिजिटल पेमेंट जीवन शैली का एक अहम हिस्सा बन चुका है। लाखों लोग अलग-अलग चीजों की खरीदारी के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं। जिसके लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की जरूरत पड़ती है। यदि सही नेटवर्क न हो तो भुगतान करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यूनीफाइड इंटफेस पेमेंट्स सेवाओं का विस्तार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लेकिन आज भी लाखों नागरिक लेनदेन के लिए कैश पर निर्भर हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक ने खास सुविधा शुरू की है, जिसके बिना डेटा या वाईफाई यूपीआई भुगतान किया जा सकता है।
आईओबी के खास सेवा का नाम “UPI 123Pay” है। यह पहल पब्लिक सेक्टर बैंक ने एनपीएसटी और MissCallPay के साथ मिलकर की है। हालिया आंकड़ों के मुताबिक करीब 85 करोड़ लोगों ने अब तक यूपीआई को नहीं अपनाया है। जिसमें करीब 40 करोड़ लोग ऐसे हैं, जो फीचर या बटन फोन का इस्तेमाल करते हैं। फीचर या कीपैड फोन दोनों यूजर्स के लिए वॉयस-आधारित यूपीआई पेमेंट अब सक्षम होगा। इस बात की जानकारी डिजिटल बैंकिंग और पेमेंट टेक्नोलॉजी कंपनी एनपीएसटी ने दी है।
कंपनी ने नोटिफिकेशन में कहा कि, “अब उसे इंडियन ओवरसीज बैंक से “UPI 123Pay” लागू करने का अधिकार मिल गया है।” ऐसे करेगा काम यूपीआई 123Pay आसान और सुरक्षित डिजिटल ट्रांजेक्शन को सक्षम बनाता है। मिसकॉलपे की मदद से यूजर्स को वॉइस और कीपैड इनपुट के जरिए पैसे भेजने या मर्चेंट पेमेंट करने की अनुमति दे सकते हैं। इसके लिए ग्राहकों को केवल एक निर्धारित नंबर पर मिस कॉल करना होगा, जिसके बाद उन्हें आईवीआर सिस्टम के जरिए कॉल बैक आएगा। इस दौरान ट्रांजैक्शन अमाउंट और यूपीआई पिन कोड दर्ज करके ग्राहक ट्रांजैक्शन को पूरा कर पाएंगे।
यह सुविधा 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी। इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को अकाउंट बैलेंस और पिछले पांच लेनदेन को चेक करने की सुविधा मिलेगी। आईवीआर के जरिए डायरेक्टर यूपीआई पिन को मैनेज भी कर सकते हैं। यूजर्स को शिकायत करने का सुविधा भी मिलेगी। प्लेटफॉर्म टोकन बेस्ड या टोकन लेस पेमेंट को भी सक्षम बनाता है। ग्राहक आसानी से अकाउंट को लिंक या डिलीट कर सकते हैं। इस फीचर से अन्य कई फायदे भी होंगे। उन क्षेत्रों में भी डिजिटल पेमेंट सक्षम हो पाएगा, जहां पर नेटवर्क कवरेज सीमित है।
ट्रांजैक्शन ऑफलाइन है, इसलिए इस पर साइबर खतरों की संभावनाएं भी कम होंगी।

