जयपुर दुर्घटना में 7 लोगों की जान बचाई जा सकती थी

Tina Chouhan

पिता की अस्थियों का हरिद्वार में विसर्जन कर लौटते समय किसने सोचा होगा कि पूरे परिवार का यह सफर आखिरी होगा। देर रात हुए हादसे का अगर तभी किसी को पता चल जाता तो शायद मरने वालों को बचाया जा सकता था। अगली दोपहर तक किसी को इस हादसे का पता नहीं चला। दोपहर एक युवक ने नाले में डूबी कार देख पुलिस को सूचना दी, तब जाकर पुलिस अधिकारियों को फौज मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक कार में सवार सातों लोगों की मौत हो चुकी थी। मरने वालों में 3 आदमी, 2 महिलाएं और दो बच्चे शामिल थे।

मरने वाले सभी एक ही परिवार के मेंबर थे और फुलियावास केकड़ी और जयपुर के वाटिका के निवासी थे। खबर अपडेट की जा रही है…

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