जयपुर। जयपुर सेंट्रल जेल में मोबाइल फोन मिलने की घटनाएं लगातार जारी हैं। जेल के भीतर से एक के बाद एक मोबाइल फोन मिलने से जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। वार्ड नंबर 10 से लेकर लगभग सभी वार्डों में अब तक 36 से अधिक मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि इन मामलों में अब तक कोई ठोस कार्रवाई या गिरफ्तारी नहीं हुई है, जो जेल के अंदर मौजूद संगठित नेटवर्क की ओर इशारा करता है। सितंबर में रिकॉर्ड रिकवरी, लेकिन कार्रवाई शून्य।
सितंबर माह के दौरान जेल विभाग ने जेल परिसर से कुल 36 मोबाइल फोन जब्त किए। इनमें से अधिकतर मोबाइल फोन कैदियों के वार्डों से लावारिस हालत में बरामद हुए। विभाग ने इन घटनाओं को लेकर 20 से अधिक प्राथमिकी (FIR) लालकोठी थाने में दर्ज करवाईं, लेकिन अब तक किसी भी केस में न तो किसी कैदी की गिरफ्तारी हुई है और न ही किसी जेलकर्मी पर ठोस कार्रवाई की गई है। 4 अक्टूबर को फिर मिला मोबाइल, रिपोर्ट दर्ज।
4 अक्टूबर को जेल प्रहरी लाली मीणा द्वारा दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर वार्ड नंबर 9 में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। तलाशी के दौरान वार्ड में एक लावारिस मोबाइल फोन बरामद हुआ। जब इस संबंध में सभी कैदियों से पूछताछ की गई, तो किसी ने भी फोन के मालिकाना हक को स्वीकार नहीं किया। प्रहरी लाली मीणा ने इस संबंध में लालकोठी थाने में रिपोर्ट दी, जिस पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। धमकी प्रकरण के बाद भी नहीं सुधरी सुरक्षा व्यवस्थाएं।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले जयपुर सेंट्रल जेल से ही मुख्यमंत्री को धमकी देने का मामला सामने आया था। उस वक्त सरकार ने जेल प्रशासन पर सख्त एक्शन लेते हुए कुछ जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई भी की थी। लेकिन उसके बाद भी जेल के अंदर मोबाइल मिलने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जो दर्शाता है कि जेल में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन का इस्तेमाल जारी है।