जयपुर। जयपुर डिस्कॉम ने बुधवार को झालावाड़ जिला पुलिस के सहयोग से उन हार्डकोर अपराधियों के घरों पर छापे मारे, जो लंबे समय से विद्युत चोरी कर रहे थे। इस अभियान में निगम की 48 टीमों के 170 सदस्य शामिल थे, जबकि पुलिस के 350 पुलिसकर्मी भी इस कार्रवाई में शामिल हुए। मुख्यालय के निर्देश पर कोटा जोन के कोटा और बारां जिले के 12 अधिशासी अभियंताओं एवं सहायक अभियंताओं की टीम को भी झालावाड़ भेजा गया।
पुलिस ने विशेष रूप से उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की, जो राजपासा, हार्डकोर मादक पदार्थों की तस्करी और आपराधिक प्रवृत्ति के साथ-साथ संगठित रूप से बिजली चोरी में भी लिप्त थे। प्रत्येक जोन में विद्युत वितरण निगम की ओर से एक अधिशासी अभियंता या सहायक अभियंता और जिला पुलिस की ओर से वृत्ताधिकारी को कमान सौंपी गई। जिला पुलिस ने इस ऑपरेशन का नाम ‘ऊर्जा प्रहार’ रखा। यह संयुक्त अभियान रात 12 बजे से शुरू होकर करीब 10 घंटे तक चला।
इस दौरान संयुक्त टीमों ने लगभग 700 स्थानों पर कार्रवाई की, जिसमें बिजली चोरी के 371 मामलों में 1 करोड़ 20 लाख रुपए की वीसीआर भरी गई। कार्रवाई के दौरान जयपुर विद्युत वितरण निगम और झालावाड़ जिला पुलिस ने झालावाड़ शहर, झालरापाटन, बकानी, रटलाई, भवानीमंडी, मिश्रोली, पगारिया, गंगधार, डग, उन्हेल, पिड़ावा, सुनेल, रायपुर, असनावर, मनोहरथाना, भालता, अकलेरा, खानपुर आदि स्थानों पर कार्रवाई की। जयपुर डिस्कॉम ने 18 हजार से अधिक लंबित मामलों का निस्तारण करते हुए उपभोक्ताओं से बकाया राशि में से करीब 25 करोड़ रुपए वसूलने में सफलता प्राप्त की है।
हाल ही में राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से इन मामलों का उपभोक्ताओं की सहमति के आधार पर निस्तारण किया गया, जिसके तहत उपभोक्ताओं ने मौके पर ही 20 करोड़ 71 लाख रुपए जमा कराए। 4 करोड़ 31 लाख रुपए की राशि आगामी दिनों में जमा कराने की सहमति दी गई है। डिस्कॉम के सभी तीन जोन में से बिजली चोरी, पीडीसी कनेक्शन, बिजली बिल राशि आदि से संबंधित सबसे अधिक बकाया मामले भरतपुर जोन में निस्तारित किए गए।
इस जोन के करौली सर्किल में 2814 उपभोक्ताओं ने मौके पर ही 5.27 करोड़, धौलपुर सर्किल में 2109 उपभोक्ताओं ने 3.19 करोड़, सवाई माधोपुर सर्किल में 2055 उपभोक्ताओं ने 2.27 करोड़, डीग में 1539 उपभोक्ताओं ने 2.35 करोड़ और भरतपुर सर्किल में 1683 उपभोक्ताओं ने 1.25 करोड़ जमा कराए। जयपुर जोन के 9 सर्किलों में कुल 2 करोड़ 92 लाख और कोटा जोन के 4 सर्किलों में 3 करोड़ 45 लाख रुपए की मौके पर ही समझाइश के माध्यम से प्रकरण समाप्त कर वसूली की गई।