जयपुर आरटीओ प्रथम कार्यालय ने पिछले एक वर्ष में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिसमें पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसुविधा का नया मानक स्थापित किया गया है। आरटीओ राजेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में कार्यालय ने भ्रष्टाचार और अव्यवस्था से मुक्त होकर न केवल विभागीय कार्यप्रणाली को मजबूत किया, बल्कि जनता के बीच विश्वास भी कायम किया है। पिछले एक वर्ष में सड़क चालानों से प्राप्त राजस्व में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। पहले यह 20 करोड़ रुपए था, जो अब 51 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है।
इस उपलब्धि के साथ, जयपुर आरटीओ प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व और चालान शुल्क प्राप्त करने वाला कार्यालय बन गया है। जनसुनवाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रत्येक सोमवार प्रातः 11 बजे आम नागरिकों की शिकायतों को सीधे सुना जाने लगा, जिससे समस्याओं का त्वरित समाधान संभव हो सका। कार्यालय को पहली बार पूर्ण रूप से दलाल-मुक्त बनाया गया और 70 से अधिक प्राइवेट व्यक्तियों को परिसर से बाहर किया गया। डिजिटल सेवाओं के तहत नागरिकों को ऑनलाइन सुविधा देने के लिए सिटीजन पोर्टल की शुरुआत की गई।
परिवहन व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए, जैसे कि पहली बार ई-रिक्शा नीति लागू की गई और जोन निर्धारित किए गए। टेम्पो परमिटों में 10 हजार की वृद्धि तथा 12 वर्षों बाद कैब किराया संशोधन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। सभी परमिट अब पारदर्शी लॉटरी प्रणाली से जारी हो रहे हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से “सुरक्षित सफर अभियान” के तहत 2,500 से अधिक बसों में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन लगाए गए। बाहरी राज्यों की गाड़ियों से 5 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ और 10 हजार से अधिक ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई की गई।
“ऑपरेशन कवच” के तहत 50 हजार से अधिक चालान बनाए गए। कार्यालय परिसर के सौंदर्यीकरण और नवाचार की दिशा में नक्षत्र वाटिका और भगवान शिव परिवार का मंदिर स्थापित किया गया है, जिससे परिसर का वातावरण और अधिक प्रेरणादायी बना है। आरटीओ शेखावत के कार्यकाल ने सिद्ध कर दिया है कि ईमानदार, पारदर्शी और नवाचारपूर्ण कार्यशैली से जनहित और राजस्व—दोनों ही क्षेत्रों में अभूतपूर्व परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।