जयपुर में 9 साल की छात्रा अमायरा के आत्महत्या मामले में एक महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है। सीबीएसई द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि अमायरा भी दिल्ली के शौर्य की तरह मौखिक उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की शिकार हुई थी। जांच में स्कूल की सुरक्षा और बाल संरक्षण से संबंधित गंभीर खामियां पाई गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल ने सीबीएसई की एफिलिएशन बाय लॉज और बच्चों की सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन किया।
चौथी मंजिल से कूदकर जान देने वाली चौथी कक्षा की छात्रा लगातार उत्पीड़न का सामना कर रही थी, जिसमें यौन और मौखिक दुर्व्यवहार भी शामिल था। घटना के दिन शिक्षिका से दो बार संपर्क करने के बावजूद उसे काउंसलर के पास नहीं भेजा गया। जांच समिति ने स्कूल को नोटिस दिया है और 30 दिन के भीतर जवाब मांगा है। अमायरा ने 1 नवंबर को आत्महत्या की। जांच टीम ने 3 नवंबर को स्कूल में घटनास्थल का निरीक्षण किया और 11 नवंबर को मृतका के परिजनों से बातचीत की।
जांच में पता चला कि अमायरा ने टीचर को बताया था कि सहपाठी ने उसे गलत शब्द कहे हैं, लेकिन टीचर ने इस घटना को नजरअंदाज कर दिया। अमायरा के माता-पिता ने भी स्कूल प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायत को भी अनसुना किया गया।


