हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखा हमला बोला है। मंडी में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू को अपने प्रदेश की आपदा से ज्यादा बिहार चुनाव की चिंता सता रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब हिमाचल प्रदेश के कई जिले अब भी आपदा के घावों से जूझ रहे हैं, तब मुख्यमंत्री राज्य छोड़कर चुनाव प्रचार में कैसे व्यस्त हो सकते हैं।
जयराम ने तंज कसते हुए कहा कि सुक्खू के पास अपने प्रदेश में चुनाव का सामना करने का साहस नहीं है और वह बिहार जाकर “झूठ की दुकान” सजा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वे प्रदेश लौटकर हिमाचल की मातृ शक्ति से माफी मांगें और झूठे प्रचार से बाज आएं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू बिहार में यह कह रहे हैं कि हिमाचल में हर महिला को 1500 रुपये की मासिक सहायता दी जा रही है और 2 लाख 87 हजार महिलाओं को पेंशन मिल चुकी है, जबकि यह दावा पूरी तरह गलत और भ्रामक है। उन्होंने कहा कि सरकार अभी तक चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रही है, फिर भी मुख्यमंत्री मंचों से झूठ बोल रहे हैं। इस दौरान भाजपा विधायक इंद्र सिंह गांधी, जिलाध्यक्ष निहाल चंद शर्मा, राज्य महिला मोर्चा उपाध्यक्ष सुमन ठाकुर और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और राहत वितरण पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री की प्राथमिकता राजनीतिक प्रचार है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार ने डिजास्टर एक्ट का दुरुपयोग करते हुए पंचायत और नगर निगम चुनावों को टालने का काम किया है, जबकि आपदा पीड़ितों को अब तक उचित मदद नहीं मिल पाई है। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को पहले अपने राज्य के लोगों का दर्द समझना चाहिए, न कि बाहरी राज्यों में मंच सजाने जाना चाहिए।
जयराम ठाकुर ने सोशल मीडिया पर गलत जानकारियां फैलाने वालों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कुछ नेता और लोग बिना तथ्यों के दुष्प्रचार कर रहे हैं। ऐसे लोगों को चाहिए कि वे पहले आपदा प्रभावितों की पीड़ा समझें और उसके बाद ही अपनी राय बनाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी है और सरकार की लापरवाही को हर स्तर पर उजागर करती रहेगी। भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर अपने वादों पर अमल नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें जनता को सच्चाई बतानी चाहिए, न कि झूठे दावों से भ्रम फैलाना चाहिए।
हिमाचल के लोगों को अब यह स्पष्ट दिख रहा है कि प्रदेश सरकार का फोकस विकास या राहत पर नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रचार पर है।


