जोधपुर। जोधपुर जैसलमेर रोड पर थईयात गांव के पास मंगलवार दोपहर को हुई निजी बस आगजनी में मरने वाले 19 शवों को जोधपुर लाया गया है। इनका डीएनए परीक्षण किया जाएगा और बाद में परिजनों को सौंपा जाएगा। जोधपुर के एमजी अस्पताल और एम्स अस्पताल की मोर्चरी में शवों को रखा गया है। एमजी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. फतेह सिंह भाटी ने बताया कि 09 शव एमजीएच और 10 शव एम्स अस्पताल की मोर्चरी में रखे गए हैं। एक शव पहले से जोधपुर में है। घायलों में पांच लोग वेंटिलेटर पर हैं और 8 की हालत गंभीर बनी हुई है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार अपरान्ह साढ़े तीन बजे के आसपास जैसलमेर से जोधपुर की तरफ आ रही एक निजी बस में एसी में शॉर्ट सर्किट के बाद भीषण आग लग गई थी, जिसके कारण बीस लोगों की जलकर मौत हो गई। 15 लोग गंभीर और सामान्य रूप से झुलस गए थे। बस में कुल 57 लोग सवार थे। यह बस हाल ही में रजिस्ट्रेशन कराई गई थी और यह एकदम नई थी। रात में प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पहले जैसलमेर और फिर जोधपुर के एमजी अस्पताल पहुंचे।
घटनास्थल का दौरा करने के बाद चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि बस में पीछे से धमाके की आवाज आई। आशंका है कि एसी का कंप्रेशर फट गया जिससे गैस और डीजल के साथ मिलकर भीषण आग लगी। बस में एक ही दरवाजा था, इसलिए लोग फंस गए। आगे की सीट वाले निकल गए। जो शव बस से निकाले जा सके, उन्हें आर्मी ने निकाल लिया। जो पूरी तरह जल गए, उनके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। मृतकों के लिए 50-50 लाख रुपये की सहायता की मांग की गई है।
साथ ही घायलों को दस-दस लाख रुपये की सहायता का आग्रह किया गया है।