जैसलमेर में बस आग लगने से 20 यात्रियों की मौत, डीएनए से होगी पहचान

Tina Chouhan

जैसलमेर/जोधपुर। जैसलमेर के रेगिस्तान में मंगलवार को चीखों से हड़कंप मच गया, जब जैसलमेर-जोधपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक चलती एसी स्लीपर बस में आग लग गई। दोपहर करीब 3:30 बजे जैसलमेर से जोधपुर जा रही बस में अचानक शॉर्ट सर्किट से आग भड़क उठी और कुछ ही मिनटों में 20 यात्री जिंदा जल गए, जबकि 15 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। मृतकों में दो बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। हादसा इतना भयानक था कि बस का ढांचा भी पहचान से बाहर हो गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार की सहायता देने की घोषणा की है। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने भी शोक व्यक्त किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग की लपटें और धुआं आसमान तक उठ रहा था, और यात्रियों की चीखें पूरे क्षेत्र में गूंज रही थीं। गांववालों ने मौके पर पहुंचकर खिड़कियां तोड़कर कई लोगों को बाहर निकाला। हादसे की सूचना मिलते ही दमकल विभाग, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।

आग पर काबू पाने में एक घंटे से अधिक समय लगा, लेकिन तब तक अधिकांश यात्री जल चुके थे। जैसलमेर कलक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि अहमदाबाद विमान हादसे की तरह डीएनए सैंपल से पहचान प्रक्रिया अपनाई जाएगी। बस का मालिक जोधपुर का इक्कू खान बताया जा रहा है। जख्मी यात्रियों को तीन एंबुलेंस से जवाहर अस्पताल, जैसलमेर ले जाया गया, जहां से 16 घायलों को जोधपुर के एमडीएम और महात्मा गांधी अस्पताल रेफर किया गया। प्रशासन ने जैसलमेर से जोधपुर तक 275 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया ताकि एंबुलेंसों को रास्ते में कोई रुकावट न हो।

रास्ते में ही 79 वर्षीय हुसैन खां की मौत हो गई। रात 10 बजे तक 7 एंबुलेंस जोधपुर पहुंचीं। अधिकांश घायल 70 प्रतिशत तक झुलस चुके हैं और कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। नगर परिषद के सहायक अग्निशमन अधिकारी कृष्णपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि जब उनकी टीम मौके पर पहुंची तो बस धधक रही थी। अंदर फंसे लोगों की चीखें सुनाई दे रही थीं लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि कोई पास नहीं जा सका। हादसे ने राजस्थान के परिवहन विभाग की लापरवाही को उजागर किया है।

राज्यभर में दर्जनों बिना परमिट, बिना बीमा और बिना फिटनेस वाली निजी बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं। सूत्रों के अनुसार यह बस जोधपुर के एक निजी ऑपरेटर ने 5 दिन पहले ही खरीदी थी, लेकिन फिटनेस और अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र का रिकॉर्ड स्पष्ट नहीं था। आग लगने का प्राथमिक कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपए की सहायता राशि और घायलों के लिए नि:शुल्क उपचार की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि दोषियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और बस ऑपरेटरों की जांच के आदेश दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

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