विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मलेशिया में आयोजित पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत की चिंताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक ऊर्जा व्यापार में बढ़ती बाधाएं, आपूर्ति श्रृंखला की विश्वसनीयता और बाजार पहुंच को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। उन्होंने अमेरिका की ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीतियों और प्रतिबंधों के कारण उत्पन्न तनावों का हवाला देते हुए कहा कि ऊर्जा व्यापार में बाजार विकृतियां पैदा हो रही हैं।
जयशंकर ने रूस के साथ भारत के ऊर्जा व्यापार पर हालिया अमेरिकी प्रतिबंधों का परोक्ष रूप से उल्लेख किया, जिसके तहत रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। जयशंकर ने कहा कि विश्व समुदाय को आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनानी चाहिए और गाजा व यूक्रेन जैसे संघर्षों को हल करने के लिए प्रयास तेज करने चाहिए, जो खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं और ऊर्जा प्रवाह को प्रभावित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रगति और प्राकृतिक संसाधनों की खोज में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, जिसके कारण आपूर्ति श्रृंखला और बाजार पहुंच पर असर पड़ रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत, रूस से अपनी ऊर्जा खरीद को बाजार की स्थितियों और उपभोक्ता हितों के आधार पर करता है, जो 2025 में भारत की कुल ऊर्जा आयात का एक तिहाई से अधिक है। नए अवसर तलाशना विदेश मंत्री ने कहा कि इन बदलावों के जवाब में विश्व समुदाय नई रणनीतियां अपनाएगा, नए अवसर तलाशेगा और लचीले समाधान विकसित करेगा।
उन्होंने बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी, प्रतिस्पर्धात्मकता, बाजार का आकार, डिजिटाइजेशन और प्रतिभा की गतिशीलता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जयशंकर ने आतंकवाद को एक “निरंतर और संक्षारक खतरा” करार देते हुए कहा कि इसके खिलाफ रक्षा का अधिकार कभी समझौता नहीं करना चाहिए। आसियान-भारत शिखर सम्मेलन जयशंकर ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जहां उन्होंने भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया कि वह क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए समुद्री सहयोग को मजबूत करेगा।
उन्होंने भारत-म्यांमार–थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना की प्रगति का उल्लेख किया और म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर साइबर घोटाला केंद्रों के बारे में चिंता जताई, जहां सैकड़ों भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। भारत ने इन केंद्रों पर हालिया म्यांमार सैन्य कार्रवाई का स्वागत किया है।

