जालोर (उजीर सिलावट)। विजयादशमी पर शहर का बहुचर्चित रावण दहन इस बार परंपराओं और उत्साह की बजाय अव्यवस्था और लापरवाही के कारण सुर्खियों में आ गया। जिला मुख्यालय स्थित शाह पुनाजी गेनाजी स्टेडियम (जिला स्टेडियम) में हर साल की तरह इस बार भी रावण दहन का आयोजन किया गया, लेकिन नगर परिषद की तैयारी और जिम्मेदारी दोनों ही नदारद नजर आईं। नतीजा यह रहा कि हजारों लोगों के सामने रावण दहन उपहास का विषय बन गया। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम 6 बजे रावण दहन होना था।
लेकिन नगर परिषद और ठेकेदार की लापरवाही के चलते कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले तय समय पर तैयार नहीं हुए। इस कारण भगवान श्रीराम की शोभायात्रा, जो सुन्देलाव तालाब से रवाना होकर आनी थी, उसे मंदिर में ही आधे घंटे तक रोकना पड़ा। जब महंत पवनपुरी महाराज व भगवान श्रीराम की सेना शोभायात्रा के साथ स्टेडियम पहुंचे, तब तक भी पुतले अधूरे थे। नगर परिषद कार्मिकों ने जल्दबाजी में क्रेन से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद को खड़ा कर दिया, लेकिन उनके पैर लगाना ही भूल गए।
हद तो तब हो गई जब रावण के पैर कुंभकर्ण के सामने रख दिए गए। इतना ही नहीं, पुतलों के भीतर दहन के लिए घास तक नहीं भरी गई, जिससे आग पकड़ने में दिक्कत आई। रावण दहन की शुरुआत मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग व महंत पवनपुरी महाराज ने इलेक्ट्रॉनिक रिमोट से करनी चाही, लेकिन रिमोट काम ही नहीं कर पाया। इसके बाद परिषद के कर्मचारी ने हाथ से आग लगाई, लेकिन उससे केवल ऊपर का रंगीन कागज ही जला, लकड़ी ने आग नहीं पकड़ी।
जबूरी में पुतले पर पेट्रोल डाला गया, फिर भी करीब आधे घंटे तक रावण पूरी तरह नहीं जला और न ही धराशायी हुआ। आखिरकार नगर परिषद व ठेकेदार के कार्मिकों ने रस्सी और डंडों की मदद से पुतलों को गिराकर जलाया। कार्यक्रम में मौजूद हजारों लोग नगर परिषद की इस अव्यवस्था और कुप्रबंधन पर नाराज नजर आए। शहरवासियों ने कहा कि इस बार का रावण दहन आनंद और आस्था का नहीं बल्कि बदइंतजामी का उदाहरण बन गया। कई लोगों ने इसका वीडियो व फोटो सोशल मीडिया पर डाल दिए, जो तेजी से वायरल हो गए।
भाजपा के कुछ पार्षदों ने भी नगर परिषद आयुक्त के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई। घटना के दौरान जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गवांडे, एसपी शैलेंद्र सिंह इंदौलिया, एएसपी मोटाराम, नगर परिषद आयुक्त दिलीप माथुर सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। स्थिति को देखकर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और नगर परिषद आयुक्त को फटकार लगाते हुए ठेकेदार व जिम्मेदार कार्मिकों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।