जौनसार-बावर में शादी में गहनों पर नया नियम लागू

Jaswant singh

उत्तराखंड के देहरादून जिले के जौनसार-बावर क्षेत्र के दो गांवों कंदाड़ और इद्रोली में सामाजिक सुधार की दिशा में लिया गया एक निर्णय चर्चा का विषय बन गया है। यहां ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से तय किया है कि अब किसी भी शादी या सामाजिक कार्यक्रम में महिलाएं सीमित गहने ही पहनेंगी। नए नियम के अनुसार, महिलाएं केवल कान के कुंडल, नाक की फुली और मंगलसूत्र ही पहन सकेंगी। अगर कोई महिला इस नियम का उल्लंघन करती है, तो उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

देहरादून के जौनसार-बावर में अनोखा फैसला यह निर्णय दोनों गांवों में हुई सामूहिक बैठक के बाद लिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस नियम का उद्देश्य समाज में सादगी और समानता को बढ़ावा देना है। हाल के वर्षों में शादी-ब्याह के अवसरों पर गहनों और दिखावे की होड़ बढ़ने लगी थी, जिससे सामाजिक असमानता और आर्थिक दबाव पैदा हो रहा था। कई परिवार ऐसे खर्चों के बोझ से दबने लगे थे। इसी वजह से गांव के लोगों ने मिलकर इस पर अंकुश लगाने का फैसला किया।

गांव के बुजुर्गों और पंचायत सदस्यों ने बताया कि यह आदेश किसी पर दबाव डालने के लिए नहीं है, बल्कि यह समाज में सुधार और समानता की भावना को मजबूत करने की पहल है। उनका कहना है कि इससे गरीब परिवारों पर बोझ कम होगा और समाज में संतुलन बना रहेगा। शादी या अन्य आयोजनों में अब बाहरी दिखावे की बजाय सरलता और परंपरा को प्राथमिकता दी जाएगी।

दिखावे की परंपरा होगी खत्म स्थानीय लोगों का कहना है कि पुराने समय में सादगी से ही विवाह और पारिवारिक समारोह मनाए जाते थे, लेकिन आधुनिकता के नाम पर दिखावे की परंपरा बढ़ने लगी। इस नियम से गांवों में फिर से आपसी एकता और सामाजिक संतुलन लौटेगा। ग्रामीणों का मानना है कि अगर ऐसे निर्णय अन्य क्षेत्रों में भी अपनाए जाएं तो सामाजिक आयोजनों का मूल स्वरूप और परंपरागत संस्कृति फिर से जीवंत हो जाएगी। कंदाड़ और इद्रोली गांवों की यह अनोखी पहल अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय है।

लोग इसे एक प्रेरक सामाजिक प्रयोग बता रहे हैं, जो समाज में समानता और सरलता की दिशा में मिसाल बन सकता है। ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी यह पहल आगे चलकर अन्य इलाकों में भी सकारात्मक बदलाव लाएगी।

Share This Article
Follow:
Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform