राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोधपुर में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र का सशक्त स्तंभ है, जो समाज में न्याय और समानता की अलख जगाने का कार्य करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सशक्त न्याय व्यवस्था से नागरिकों में सुरक्षा और विश्वास का भाव पैदा होता है, जो किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था की बुनियाद है।
भजनलाल ने किया बार काउंसिल भवन का उद्घाटन अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि देश में लागू तीन नए आपराधिक कानूनों– भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने न्याय की परिभाषा को नए सिरे से स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में इन कानूनों को जमीनी स्तर पर लागू किया जा रहा है, जिससे न्याय प्रक्रिया में तेजी आई है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इन सुधारों के चलते राजस्थान जल्द ही न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोधपुर में तैयार यह नया भवन लोकतंत्र को और भी मजबूत बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। आधुनिक सुविधाओं से युक्त यह भवन न केवल वर्तमान की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मार्गदर्शक बनेगा। उन्होंने बताया कि सरकार जिला स्तर पर नई अदालतों के सृजन और जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज गति से आगे बढ़ा रही है, ताकि जनता को समय पर न्याय मिल सके।
जनता के हित से जुड़े कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि अधिवक्ता समाज के शिल्पकार होते हैं और वे न्याय व्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उनकी तर्कशक्ति, ज्ञान और समर्पण ही न्याय की आधारशिला हैं। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास और न्याय की जीत, दोनों ही अधिवक्ताओं के परिश्रम से संभव होते हैं। यही विश्वास न्याय व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत है और इसे बनाए रखना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि राज्य सरकार जनता के हित से जुड़े कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
न्यायपालिका और अधिवक्ताओं के बीच सहयोग की भावना से ही लोकतंत्र और न्याय प्रणाली को सुदृढ़ किया जा सकता है। उन्होंने बार काउंसिल भवन के निर्माण को इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया。


