राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल वर्तमान में चर्चा में है, जहां लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को रखा गया है। उन्हें हाई सिक्योरिटी जेल में सुरक्षा के बीच रखा गया है, जहां अधिकारियों और अन्य स्टाफ की सीमित मूवमेंट है। सोनम को हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था, जब वह लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर थे। इस दौरान हिंसक प्रदर्शन हुए, जिससे उन्हें अपना अनशन तोड़ना पड़ा और अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।
लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण है और वहां कर्फ्यू लगा हुआ है। सोनम के समर्थक न्याय की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने उन पर भड़काऊ भाषण देने और लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है, जिसके कारण उनकी NGO की विदेशी फंडिंग भी रोक दी गई है। जोधपुर सेंट्रल जेल को देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है, जहां स्वामी आशाराम बापू जैसे कई हाई-प्रोफाइल कैदी बंद हैं। 2010 में यहां एक कैदी ने जेलर की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से सुरक्षा प्रोटोकॉल सख्त किए गए हैं।
सोनम को विशेष वाहन और पुलिस एस्कॉर्ट के साथ जेल में लाया गया था।


