राजस्थान में एमडी ड्रग्स के तस्कर कार्तिक की गिरफ्तारी

Tina Chouhan

जयपुर। एटीएस और एएनटीएफ की टीमों ने राजस्थान में एमडी ड्रग्स नेटवर्क के मुख्य तस्कर कमलेश बिश्नोई उर्फ कार्तिक को ऑपरेशन ‘मदमरूगन’ के तहत गिरफ्तार किया है। कमलेश की गिरफ्तारी जैसलमेर जिले के सांकड़ थाना क्षेत्र से रविवार तड़के की गई। उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। कमलेश बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना क्षेत्र का निवासी है और तीन राज्यों में उसके खिलाफ आधा दर्जन से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। आईजी विकास कुमार ने बताया कि कमलेश ने पहले अवैध हथियाराें का धंधा शुरू किया।

इस दौरान उसे एमडी की लत लग लाने के कारण और एमडी के धंधे में ज्यादा लाभ देखकर वह इसकी तस्करी करने लगा। कमलेश का सगा भाई सुरेश भी इस धंधे में उसका साझेदार रहा है। धंधे को आगे बढ़ाने के लिए कार्तिक ने जेल के साथियों के साथ एक गैंग बना दी। वह मध्यप्रदेश के खरगौन इलाके से हथियार लेकर राजस्थान में सप्लाई करने के आरोप में जेल जा चुका है। महाराष्ट्र के पुणे में मादक पदाथाें की एक बड़ी खेप के साथ वह पूर्व में पकड़ा गया था।

पुणे की जेल में ही इसका सम्पर्क एमडी तस्करी के सरगनाओं से हुआ। उसके बाद वह राजस्थान में सप्लाई करने लगा। इन दोनों ने मिलकर जैसलमेर में एक होटल सूर्या भी खोल रखा था, जहां से धंधा चलता था। गैंग में अलग-अलग भूमिकाएं थीं। गैंग में रमेश फाइनेंस और समन्वय का प्रभारी था, मांगीलाल फैक्ट्री हेड, बिरजू तकनीकी और शोध प्रमुख, शिवा ऑपरेशन चीफ, राजू रॉमटेरियल और संयंत्र प्रभारी, गणपत सुरक्षा प्रमुख, कार्तिक सेल्स और मार्केटिंग प्रभारी था। इन्होंने पहले जोधपुर के कुड़ी इलाके में एमडी की फैक्ट्री लगाई, जो पकड़ी गई। दूसरी फैक्ट्री बाड़मेर के सेड़वा में पकड़ी गई।

कॉर्पोरेट शैली में व्यापार की साजिश में तीन परिवार जुड़े थे। राजू मांडा, रमेश और मांगीलाल आपस में साला-बहनोई, कमलेश और सुरेश सगे भाई हैं। बिरजू शुक्ला, शिवा और भोंसले महाराष्ट्र से आकर शामिल हुए। मांगीलाल और बिरजू पूर्व में गिरफ्तार हो चुके हैं जबकि रमेश की गिरफ्तारी पर एक लाख और राजू की गिरफ्तारी पर 40 हजार रुपए का इनाम घोषित है। एक-एक कर सभी को जोड़कर कार्तिक ने सभी सरगनाओं को आपस में मिलाया।

पुणे जेल में कार्तिक का परिचय बिरजू शुक्ला से हुआ था तो एमडी का धंधा राजस्थान में करते हुए कार्तिक, रमेश और मांगीलाल का निकट सहयोगी बन बैठा था। फैक्ट्री के लिए मशीन महाराष्ट्र और गुजरात से लाए। ये हर माह करीब 20 करोड़ की एमडी तैयार कर पूरे राजस्थान में सप्लाई करने वाले थे। ऐसे पकड़ा गया सरगना बाड़मेर की फैक्ट्री पकड़ी जाने के बाद कार्तिक भूमिगत हो गया। अपने मोबाइल बंद कर दिए थे और ठिकाना बदल बदलकर धंधा चला रहा था।

बाड़मेर और जैसलमेर के इलाके में एमडी का व्यापार करने वाले एक गैंग से कार्तिक की नहीं बनती थी। इस कारण कार्तिक पकड़ा गया।

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