कार्तिक पूर्णिमा पर धन और समृद्धि बढ़ाने के सरल उपाय

भारत में हर पूर्णिमा का दिन शुभ माना जाता है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा का महत्व सबसे अलग है। यह केवल एक चांदनी रात नहीं, बल्कि ऐसा आध्यात्मिक पर्व है जब देवताओं का आशीर्वाद धरती पर उतरता है। कहा जाता है कि इस दिन यदि मनुष्य श्रद्धा और सच्चे भाव से मां लक्ष्मी की पूजा करे, तो उसके घर में अखंड धन-संपत्ति का प्रवाह शुरू हो जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था, और देवताओं ने त्रिपुरासुर का वध कर धर्म की पुनर्स्थापना की थी।

इसलिए यह तिथि “देव दीपावली” के रूप में भी जानी जाती है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 2025 पर ग्रहों की स्थिति भी अत्यंत शुभ है, जो मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का स्वर्णिम अवसर प्रदान कर रही है। कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये 5 चमत्कारी उपाय (Kartik Purnima 2025) 1. कनकधारा स्तोत्र का पाठ यदि आप चाहते हैं कि आपके घर की तिजोरी कभी खाली न रहे, तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। पाठ से पहले अशोक के पेड़ की जड़ को गंगाजल से शुद्ध कर तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रखें।

माना जाता है कि यह उपाय धन के मार्ग खोल देता है और घर में स्थायी समृद्धि लाता है। कनकधारा स्तोत्र का संबंध आदि शंकराचार्य से है, जिन्होंने इस स्तोत्र से एक निर्धन महिला के घर में स्वर्ण की वर्षा करवाई थी। इसलिए यह स्तोत्र “अकाल संपदा प्रदायक” माना जाता है। 2. चीनी पाउडर और अगरबत्ती का टोटका धन संबंधी इच्छाओं की पूर्ति के लिए यह छोटा लेकिन असरदार उपाय करें। थोड़ी सी चीनी लेकर उस पर जलती हुई अगरबत्ती को सात बार घड़ी की विपरीत दिशा में घुमाएं।

अब इस पाउडर को अपने पर्स में रखें और थोड़ा-सा तिजोरी या पैसे रखने की जगह पर छिड़क दें। इस उपाय से वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा निष्क्रिय होती है, और धन को आकर्षित करने वाली सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है। 3. धनिया और सिक्के का उत्तर दिशा उपाय वास्तु शास्त्र में उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा कहा गया है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन, धनिया के बीज में मिट्टी और एक रुपए का सिक्का मिलाकर किसी छोटे बर्तन में डालें। थोड़ा-सा पानी डालें और इस पात्र को घर की उत्तर दिशा में रखें।

जैसे ही धनिया अंकुरित होने लगे, उसे अपने भोजन में शामिल करें। कहा जाता है कि यह उपाय घर में धन लाभ और निरंतर बरकत लाता है। 4. हल्दी की गांठ और महालक्ष्मी मंत्र जब पूजा संपन्न हो जाए, तो 11 हल्दी की गांठें लेकर उन्हें लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें।

इसके बाद यह शक्तिशाली मंत्र 21 बार जपें , ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा॥ यह मंत्र धन की रुकावटें दूर करने, कर्ज़ से मुक्ति पाने और आर्थिक स्थिरता लाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। हल्दी शुभता और मंगल की प्रतीक है। यह मां लक्ष्मी का प्रिय रंग पीला भी दर्शाती है, जो समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। 5. केसर और तुलसी का उपाय कार्तिक पूर्णिमा के दिन गेहूं को पिसवाने से पहले एक छोटा उपाय करें।

माता लक्ष्मी को केसर के दो दाने और तुलसी के पत्ते अर्पित करें, फिर इन्हीं को गेहूं में मिलाकर पिसवा लें। जब आप इस आटे से बनी रोटियां बनाएं, तो पहली रोटी गाय को और आखिरी रोटी कौए को खिलाएं। ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी की स्थायी कृपा बनी रहती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। क्यों है कार्तिक पूर्णिमा धन प्राप्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ तिथि? ज्योतिषीय दृष्टि से कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा वृषभ राशि में होता है, जो स्वयं धन भाव का स्वामी माना जाता है।

यह समय धन, सुख, सौभाग्य और आध्यात्मिक समृद्धि को बढ़ाने के लिए अत्यंत शुभ होता है। इस दिन किए गए दान, पूजा और उपाय कई गुना फल देते हैं। कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति इस दिन गरीबों को भोजन या वस्त्र दान करता है, तो उसे सात जन्मों तक लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है। आस्था के साथ कर्म का संतुलन क्यों है जरूरी? केवल उपाय करने से ही नहीं, बल्कि सच्ची निष्ठा और सही कर्म भी जरूरी हैं। धन आकर्षित करने के लिए आपको सकारात्मक सोच, परिश्रम और दानशीलता का पालन करना चाहिए।

क्योंकि मां लक्ष्मी केवल उन्हीं के घर टिकती हैं जो शुद्ध मन, विनम्रता और आभार रखते हैं।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal
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