अहमदाबाद। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कपास पर आयात शुल्क समाप्त करने के मोदी सरकार के निर्णय को किसान विरोधी बताते हुए रविवार को मांग की कि कपास पर तुरंत 11 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाए और इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 2100 रुपए प्रति मन किया जाए। केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार ने कपास पर आयात शुल्क हटाकर किसानों के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि हमारे कपास उगाने वाले किसान भाइयों ने जून-जुलाई में कपास की फसल लगाई थी।
किसानों ने कपास के बीज, खाद, मजदूरी आदि के खर्चों के लिए कर्ज लिया था। अब उनकी फसल अक्टूबर या नवंबर में तैयार होगी। किसानों को लग रहा है कि जब वे मंडी में अपनी फसल लेकर जाएंगे तो उन्हें अच्छे दाम मिलेंगे, लेकिन उन्हें नहीं पता कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने किस तरह से उनके साथ धोखा किया है। गौरतलब है कि कपास पर आयात शुल्क हटाने के विरोध में आप ने आज चोटिला में किसान महापंचायत का आयोजन किया था, लेकिन लगातार बारिश के कारण उसे स्थगित कर दिया गया।
इसके बजाय केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। उनके साथ पार्टी के गुजरात प्रदेश के प्रभारी गोपाल राय, प्रदेश प्रमुख इसुदान गढ़वी, विसावदर के विधायक गोपाल इटालिया, प्रदेश संगठन महामंत्री मनोज सोरठिया, जाम जोधपुर के विधायक हेमंत खवा और किसान सेल के प्रदेश प्रमुख राजू करपड़ा सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे। केजरीवाल ने कहा कि जिस स्थान पर किसान महापंचायत होनी थी, वहां दो-दो फीट तक पानी भर चुका है, जिससे इसे स्थगित करना पड़ा है और हम आने वाले दिनों में फिर से इसका आयोजन करेंगे।
उन्होंने कहा कि अब तक अमेरिका से आने वाली कपास पर 11 प्रतिशत शुल्क लगता था, जिससे वह देश में उत्पादित कपास की तुलना में महंगी होती थी। इसी कारण हमारे किसानों की कपास बिक जाती थी और अमेरिकी कपास नहीं बिकती थी। लेकिन 19 अगस्त से केंद्र की मोदी सरकार ने बाहर से आने वाली कपास पर लगने वाली ड्यूटी को हटा दिया है। अब अमेरिका से आने वाली कपास भारत के किसानों की कपास के मुकाबले सस्ती हो जाएगी।